कोरोना संकटकाल के बीच अहमदाबाद नगर निगम संचलित मणिनगर इलाके में मौजूद पूरे शहर की इकलौती तमिल स्कूल को अहमदाबाद शहर के जिला शिक्षा अधिकारी आर.सी. पटेल ने बंद करने का आदेश दिया है। जिला शिक्षा अधिकारी के इस तुगलकी फरमान का स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता और स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों के माता-पिता ने विरोध किया है। ऑल गुजरात स्टूडेंट्स फेडरेशन ट्रस्ट के अध्यक्ष जॉर्ज डायस ने आरोप लगाते हुए कहा कि राजनीतिक दबाव के कारण बीच में स्कूल बंद करने की वजह से छात्रों की पढ़ाई बर्बाद हो गई है। यह एकमात्र तमिल स्कूल है इसलिए छात्रों के पास और कोई अन्य विकल्प मौजूद नहीं है। इसलिए स्कूल को एक बार फिर से शुरू करने की मांग को लेकर स्कूल ऑफ कमिश्नर को आवेदन पत्र दिया गया।
अहमदाबाद जिला शिक्षा अधिकारी आर.सी. पटेल ने स्कूल को बंद करने का जो आदेश दिया है उसमे कहा गया सरकारी नियमों के अहमदाबाद शहर के मणिनगर क्षेत्र में मौजूद तमिल हाई स्कूल में छात्रों की संख्या पर्याप्त नहीं है। इसलिए सरकार नियमों के अनुसार स्कूल को बंद करने का फैसला लिया जा रहा है। इस स्कूल के एमए, तमिल बी.एड सहायक शिक्षक, तमिल सेल्वी, एम.ए. अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र बी.एड। विषय के सहायक शिक्षक मेबल मानसिंग तथा पट्टावाला एस.बी. यादव को रिक्त घोषित किया जाता है। उन्होंने आगे कहा कि मणिनगर क्षेत्र में मौजूद तमिल हाई स्कूल बंद होने के बाद स्कूल का रिकॉर्ड निकटतम स्कूल श्री रामकृष्ण विद्यालय, खोखरा को देने का आदेश दिया जाता है।
स्कूल को सरकार के माध्यम से डेडस्टॉक के तहत निपटारा करना होगा और उसके रकम को सरकारी बजट में जमा करना होगा।ऑल गुजरात स्टूडेंट्स फेडरेशन ट्रस्ट के अध्यक्ष जॉर्ज डायस और खोखरा वार्ड के पूर्व पार्षद, कालियप्पन मुदलियार, जीवा नाइकर और नोएल क्रिश्चन ने एक संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि “तमिल माध्यमिक विद्यालय को बीच बंद करने का निर्णय असंवैधानिक है। चालू सत्र के दौरान स्कूल को बंद करने के फैसले से छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि राजनीतिक दबाव के कारण ही स्कूल को बंद करने का फैसला किया गया है।”
પાછલી પોસ્ટ
આગળની પોસ્ટ