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30 जून तक 2.13 करोड़ प्रवासी मजदूरों को मुफ्त खाद्यन्न वितरित

केंद्रीय खाद्य मंत्रालय के अनुसार राज्यों ने आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत 30 जून तक 2.13 करोड़ प्रवासियों को मुफ्त खाद्यान्न वितरित किया है जबकि आरंभिक अनुमान 2.8 करोड़ लोगों के योजना के दायरे में आने का था। खाद्य मंत्रालय ने कहा कि राज्यों को 15 जुलाई तक अंतिम आंकड़े देने को कहा गया है। इसके बाद योजना के तहत लाभान्वित प्रवासियों की संख्या बढ़ सकती है।
आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत, केंद्र ने फैसला किया था कि लगभग आठ करोड़ प्रवासी मजदूरों, संकट में फंसे और जरूरतमंद परिवारों को आठ लाख टन खाद्यान्न प्रदान किया जाएगा, जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) या राज्य की सार्वजनिक वितरण प्रणाली कार्ड योजना (पीडीएस) के अंतर्गत नहीं आते हैं। योजना के तहत मई और जून के लिए प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम खाद्यान्न और प्रति परिवार प्रति माह एक किलो दाल की आपूर्ति की जानी थी। एक सरकारी बयान के अनुसार खाद्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को लगभग आठ लाख टन खाद्यान्न (सात लाख टन चावल और एक लाख टन गेहूं) की कुल मात्रा आवंटित की थी।
बयान में कहा गया है, “चूंकि देश भर में प्रवासियों, फंसे हुए प्रवासियों की वास्तविक, अनुमानित संख्या पर कोई आंकड़ा खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के पास उपलब्ध नहीं है, इसलिए आठ करोड़ प्रवासी श्लोगों (जो कुल 80 करोड़ एनएफएसए आबादी का 10 प्रतिशत भाग है) का एक मोटा अनुमान लगाया गया है।” मंत्रालय ने कहा कि राज्य सरकारों को वितरण के मामले में पूर्ण स्वतंत्रता दी गई थी और वे उन्हें भी इस अतिरिक्त राशन को वितरित करने के लिए स्वतंत्र थे, जिनके पास कोई राशन कार्ड नहीं था।
बयान में कहा गया, “यह संतोषप्रद है कि जरुरतमंद लोगों को खाना खिलाया जा सका और यह राहत की बात है कि शुरुआती आठ करोड़ के अनुमान के मुकाबले यह संख्या काफी कम यानी 2.13 करोड़ रही।” अभी तक वास्तव में, राज्यों ने लगभग 6.4 लाख टन खाद्यान्न का उठाव किया है जो कि आठ लाख टन के शुरुआती आवंटन का 80 प्रतिशत है। मंत्रालय ने कहा कि राज्यों को वितरण के अपने अंतिम आंकड़े 15 जुलाई, 2020 तक जमा करने के लिए कहा गया है। आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत लाभार्थियों का अंतिम आंकड़ा 30 जून को बताए गए 2.13 करोड़ के अनंतिम आंकड़े से काफी अधिक हो सकता है।

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