सरकार ने विनिवेश कार्यक्रम पर आगे बढ़ते हुए बुधवार को भारतीय पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल), शिपिंग कार्पोरेशन ऑफ इंडिया (एसीआई), कोनकोर, टेहरी हाइड्रोइलेक्ट्रिक डेवलमेट कार्पोरेशन (टीएचडीसीआईएल) और नार्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कार्पोरेशन लिमिटेड में रणनीतिक विनिवेश को सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बुधवार को हुई बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इन सरकारी उपक्रमों में विनिवेश का तरीका अलग अलग होगा। उन्होंने कहा कि असम की नुमालीगढ़ रिफाइनरी में बीपीसीएल की हिस्सेदारी 61 प्रतिशत से अधिक है और इसको इस विनिवेश से पहले बीपीसीएल से अलग कर दिया जायेगा। नुमालीगढ़ रिफाइनरी की हिस्सेदारी तेल एवं गैस क्षेत्र की किसी सरकारी क्कंपनी को ही बेची जायेगी और इस प्रकार यह कंपनी सार्वजनिक उपक्रम बनी रहेगी। उन्होंने बताया कि बीपीसीएल में सरकार की हिस्सेदारी 53.29 प्रतिशत है। रणनीतिक खरीदार को यह हिस्सेदारी स्थानातंरित की जाएगी।
सीतारमण ने कहा कि शिपिंग कार्पोरेशन में सरकार की हिस्सेदारी 63.75 प्रतिशत है जिसका विनिवेश किया जाएगा। कोनकोर में 54.80 प्रतिशत हिस्सेदारी में से 24 प्रतिशत हिस्सेदारी सरकार के पास रहेगी लेकिन 30.80 प्रतिशत हिस्सेदारी का रणनीतिक निवेशक किया जाएगा। नार्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर की शत प्रतिशत हिस्सेदारी और टीएसडीसीआईएल की 74.23 प्रतिशत हिस्सेदारी एनटीपीसी खरीदेगी। इन पांचों कंपनियों का प्रबंधन नियंत्रण विनिवेश के बाद सरकार के पास नहीं रह जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकार ने कुछ चुनिंदा सार्वजनिक उपक्रमों में अपनी हिस्सेदारी 51प्रतिशत से भी कम करने का भी निर्णय लिया है लेकिन प्रबंधन अपने पास ही रखेगी। उन्होंने बताया कि आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने के लिए कंपनी कर और न्यूनतम वैकल्पिक कर में दी गई छूट को मंत्रिमंडल ने मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके साथ ही गिफ्ट सिटी में बनने वाले यूनिफाइड ऑर्थिरिटी के संबंध में भी निर्णय लिए गए हैं। इसमें एक अध्यक्ष और आठ सदस्य होंगे।
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