पिछले आठ वषोर्ं में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का तेजी से विस्तार हुआ है । अब संघ की पहुंच देश के ९० प्रतिशत ब्लॉक में हो गई है । ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में बुधवार से शुरू हुई तीन दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक से पहले संघ ने यह जानकारी सार्वजनिक की है । देश के सभी प्रांतों से लगभग सौ प्रांतस्तरीय अधिकारी संघ की इस प्रमुख बैठक में भाग ले रहे हैं । संघ के सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य ने बैठक के बारे में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, देश भर के ६००० प्रखंडों में यानी ९० प्रतिशत प्रखंडों में संघ का काम है । देश भर में चलने वाली शाखाओं में से छात्र और युवाओं की शाखाओं की संख्या ६० प्रतिशत है । २० से ४० साल आयु वर्ग के बीच स्वयंसेवकों की शाखाओं का प्रतिशत २९ प्रतिशत है । ४० साल की आयु से अधिक प्रौढ़ लोगों की शाखाओं की संख्या ११ प्रतिशत है । मनमोहन वैद्य ने बताया कि भीड़ जुटाना आसान होता है, मगर प्रतिदिन शाखा में लोगों को नियमित वषोर्ं तक एकत्र करना कठिन होता है । लेकिन संघ की शाखाएं लगातार बढ़ रही हैं । संगठन का विस्तार हो रहा है । उन्होंने आंकड़ों के जरिए बताया, वर्तमान में पूरे देश में ५७,४११ दैनिक शाखाएं चल रहीं हैं । जहां दैनिक शाखाएं संभव नहीं हैं, वहां साप्ताहिक मिलन होते हैं । ऐसे १८,९२३ साप्ताहिक मिलन चल रहे हैं । उन्होंने कहा, वर्ष २००९ में संघ कार्य का विस्तार करने की योजना बनाई गई थी । इस कारण २०१० से ही शाखाओं का लगातार विस्तार हो रहा है । २०१० के बाद शाखाओं की संख्या में कुल १९ हजार ५८४ की बढ़ोतरी हुई है । २०१० से २०१४ तक लगभग छह हजार शाखाओं की बढ़ोतरी हुई । मनमोहन वैद्य ने संगठन से जुड़ने के लिए ऑनलाइन आने वाले आवेदनों की भी जानकारी दी । उन्होंने बताया, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने २०१३ में वेबसाइट के जरिए जॉइन आरएसएस के नाम से एक योजना शुरू की थी । इसमें काफी संख्या में लोग जुड़ने के लिए अनुरोध कर रहे हैं । इसमें युवाओं व छात्रों की संख्या सर्वाधिक है । वर्ष २०१३ में ही इसके जरिए संघ से जुड़ने के लिए ८८,८४३ अनुरोध प्राप्त हुए थे । २०१४ से लेकर २०१६ तक औसतन ९० से ९५ हजार अनुरोध, २०१७ में १.२५ लाख, २०१८ में १.५ लाख और २०१९ में सितंबर माह तक १.३ लाख अनुरोध संघ से जुड़ने के लिए प्राप्त हुए हैं ।