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मनमोहन सिंह, राजन के दौर में बैंकिंग सबसे बदतर दौर में पहुंची : वित्त मंत्री

अर्थव्यवस्था को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुएकेंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तथा भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के कार्यकाल में देश के सरकारी बैंकों ने अपना सबसे बदतर दौर देखा है । न्यूयॉर्क में मंगलवार को कोलंबिया यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ इंटरनैशनल ऐंड पब्लिक अफेयर्स में एक लेक्चर देते हुए सीतारमण ने कहा कि तमाम सरकारी बैंकों को पुनर्जीवित करना उनकी पहली ड्यूटी है । कोलंबिया यूनिवर्सिटी में इंडियन इकनॉमिक पॉलिसीज पर दीपक ऐंड नीरा राज सेंटर द्वारा आयोजित लेक्चर के दौरान सीतारमण ने कहा, मैं रघुराम राजन की एक बड़े स्कॉलर के रूप में सम्मान करती हूं, जो ऐसे वक्त में आरबीआई का गवर्नर बने, जब अर्थव्यवस्था हर तरह से खुशहाल थी । उन्होंने कहा, रघुराम राजन ही उस वक्त आरबीआई के गवर्नर थे, जब महज राजनेताओं के एक फोन कॉल पर सरकारी बैंकों से लोन दिए गए और उसकी सजा ये बैंक आज तक भुगत रहे हैं । सीतारमण ने कहा, डॉ. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे और मुझे इस बात का विश्वास है कि डॉ. राजन इस बात से सहमत होंगे कि डॉ. सिंह के पास भारत के लिए एक सुसंगत स्पष्ट दृष्टिकोण होता । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि वेनेजुएला और रूस पर अमेरिकी बैन सहित तमाम वैश्विक पाबंदियों का भारत पालन करना चाहता है, लेकिन वह अपनी ताकत और रणनीतिक हितों की अनदेखी नहीं कर सकता । वित्त मंत्री ने मंगलवार को दिए एक इंटरव्यू में यह बात कही है । अमेरिका ने इस साल जनवरी में वेनेजुएला के तेल उद्योग पर अब तक का सबसे कठोर प्रतिबंध लगाया है । अमेरिका के इस कदम से कुछ वैश्विक ग्राहकों ने वेनेजुएला से तेल खरीदने से अपने पैर पीछे खींच लिए, लेकिन इंडियन रिफाइनर रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड हेवी ऑइल के कुछ वैकल्पिक आपूर्तिकर्ताओं से एक रूसी कंपनी रोजनेफ्ट से वेनेजुएलाई क्रूड खरीद रही है । कंपनी चार माह बाद अब क्रूड ऑइल की लोडिंग फिर से वेनेजुएला से शुरू करेगी । भारत सरकार ने इस बारे में अमेरिका को सूचित कर दिया है । उन्होंने कहा, भारत के रणनीतिक हितों के मद्देनजर कुछ मुद्दे महत्वपूर्ण हैं और इस बारे में हमने अमेरिका को बता दिया है, जो हमारा रणनीतिक साझेदार है और आप चाहते हैं कि आपका रणनीतिक साझेदार मजबूत हो, न कि कमजोर । सीतारमण ने कहा, हम अमेरिका के साथ मजबूत साझेदारी को महत्व देते हैं, लेकिन हमारे पास अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की भी समान रूप से आजादी होनी चाहिए ।

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