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२०१४ दिल्ली रेप केस में उबर ने टोप एग्जिक्युटिव को हटाया

एप बेस्ट कैब सर्विस मुहैया करानेवाली अमेरिकी कंपनी उबर ने अपने एक टोप अधिकारी को हटा दिया जिन्होंने उस भारतीय महिला का कथित तौर पर मेडिकल रिकोर्ड जुटाया था जिसका उबर ड्राइवर ने साल २०१४ में रेप किया था । रिपोर्ट में कहा गया है कि उबर ने मंगलवार को एशिया पसिफिक बिजनस के प्रेजिडेंट एरिक एलेक्जेंडर को नौकरी से निकाल दिया । पिछले कुछ महीनो में कंपनी उत्पीडन, भेदभाव और दुर्व्यवहार के आरोपो में २० कर्मचारियो को हटाने के ऐलान कर चुकी है । अलेक्जेंडर ने उस महिला का मेडिकल रिकोड्‌स मगंवाया, जिसका राजधानी दिल्ली में दिसंबर २०१४ में उबर ड्राइवर शिव कुमार यादव ने बलात्कार किया और उसके साथ मारपीट की । रिपोर्ट में सुत्रो के हवाले से कहा गया है कि अलेक्जेंडर ने बलात्कार पीडित महिला का मेडिकल रिकोड्‌स उबर के सीईओ ट्रैविस कैलनिक और सीनियर वाइस प्रेजिडेंट एमिल माइकल को दिखाया था । बाद में कंपनी के कई कर्मचारियो को इनके बारे में बताया गया या उन्हें ये रिकोड्‌स दिखाए गए । सुत्रो का कहना है कि अलेक्जेंडर ने एक साल तक यह दस्तावेज यहां-वहां धुमाते रहे । जब यह दुसरे अधिकारीयो और शायद लीगल डिपार्टमेंट के पास पहुंचा तो उन्होंने इसे खत्म कर दिया । रिपोर्ट कहती है कि जब कर्मचारियो ने लैगिक उत्पीडन एवं दमघोंटु माहौल होने की शिकायत की तो वर्कप्लेस की आंतरिक जांच में २० कर्मचारियो के एक समुह को हटा दिया गया । अलेक्जेंडर इस समुह का हिस्सा नहीं थे । रिपोर्ट में कहा गया है कि उबर में व्यापक प्रबंधकीय मुद्दो की जांच कर रही दो लो फर्मो को मिली २०० जानकारियों में एक जानकारी अलेक्जेंडर की हालात से निपटने के इस तरीके के बारे में भी थी । इन कार्रवाइयों पर बातचीत के लिए कंपनी से संपर्क किया तो उन्हे बताया गया कि अब वह कंपनी से जुडे नहीं है । गौरतलब है कि साल २०१४ की इस भयावह घटना के बाद भारत सरकार ने उबर को राजधानी दिल्ली में जुन २०१५ तक कैब सेवा संचालित करने से प्रतिबंधित कर दिया था जबकि दिल्ली की एक अदालत ने आरोपी शिव कुमार यादव को साल २०१५ में उम्रकैद की सजा सुना दी थी ।

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