रिजर्व बैंक ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए महंगाई के अनुमान में भारी कमी की हैं । इससे अर्थशास्त्री भी मौजूदा वित्त वर्ष में मॉनिटरी पॉलिसी से लगाई उम्मीदों पर दोबारा सोचने पर मजबूर हो गए हैं । जिनको २०१७ के बाकी समय में ब्याज दरों में कोई बदलाव होने की उम्मीद नहीं थी । वो अब २ अगस्त की अगली पॉलिसी मीटिंग में रेट कट का अनुमान लगाने लगे हैं । सिंटीबैंक, यस बैंक और रेटिंग एजेंसी क्रिसिल को ये उम्मीद बंधी है कि आरबीआई अगली पॉलिसी मीटिंग में रेट घटा सकता हैं । इन तीनों ने अप्रैल की पॉलिसी मीटिंग के वक्त उम्मीद जताई थी कि २०१७ के बाकी समय के लिए रेट जस का तस रह सकता हैं । अर्थशास्त्रियों के रुख में बदलाव आने की बड़ी वजह आरबीआई का महंगाई के अनुमान में भारी कमी करना हैं । उसने इस पोलिसी रिव्यू में मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही के लिए अपने इन्फ्लेशन टारगेट को घटाकर २-३.५० प्रतिशत कर दिया हैं। उसने अप्रैल की फिस्कल पॉलिसी में पहली छमाही में महंगाई ४.५ प्रतिशत रहने का अनुमान दिया था । उसने दूसरी छमाही के लिए महंगाई अनुमान को भी पहले के ५ प्रतिशत से ५० बेसिस पोइंट घटाकर ३.५ -४.५ प्रतिशत कर दिया हैं । यस बैंक की चीफफ इकॉनमिस्ट सुभदा राव ने कहा कि हमने अपना फोरकास्ट ेचेंज कर दिया हैं । क्योंकि आरबीआई का अपना इन्फ्लेशन सिमुलेटर गिरावट आने का संकेत दे रहा हैं । कमोडिटी के दाम में बढ़ोतरी, मॉनसुन और रीमॉनेटाइजेशन का जोखिम घट रहा हैं । हम उम्मीद कर रहे थे कि महंगाई दर मई, जून और जुलाई में औसतन २.३ प्रतिशत रह सकती हैं । इसलिए हमें अब लगता है कि अगस्त में आरबीआई २५ बेसिस प्वाइंट का रेट कट कर सकता हैं । सिटीबैंक ने पहले अनुमान लगाया था कि आरबीआई २०१७ में रेट कट नहीं करेगा । लेकिन अब मौजूदा वित्त वर्ष में ५० बेसिस पोइंट्स की कटौती होने का मौका हैं ।