असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने आखिरकार गुजरात में तीन प्रवक्ताओं की नियुक्ति पर मंजूरी की मुहर लगा दी है।गुजरात में तीसरे राजनीतिक मोर्चे के विकल्प का दावा करने वाली ओवैसी की पार्टी काफी वक्त बाद अपने नींद से जगी। क्योंकि स्थानीय निकाय चुनावों की घोषणा के बावजूद पार्टी ने अभी तक जमीनी स्तर पर कुछ भी नहीं किया है। सिर्फ साबिर काबलीवाला को पार्टी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
एआईएमआईएम ने सामाजिक कार्यकर्ता और वकील शमशाद पठान, ओवैस मलिक और कार्यकर्ता दानिश कुरैशी को अपना प्रवक्ता नियुक्त किया है। इससे पहले AIMIM ने साबिर कबालीवाला को गुजरात का अध्यक्ष और हामिद भट्टी को महासचिव नियुक्त किया था।कहा जाता है कि ओवैसी की पार्टी गुजरात में उतनी सक्रिय नहीं है जितनी होनी चाहिए। इतना ही नहीं आरोप लगाया जा रहा है कि ओवैसी भाजपा के इशारे पर काम कर रही है। गौरतलब हो कि AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी 4 तारीख को गुजरात आ रहे हैं। साबरमती रिवर फ्रंट पर उनके लिए एक विशाल जनसभा का आयोजन किया जा रहा है।
यह भी चर्चा चल रही है कि ओवैसी के गुजरात आने के बाद कांग्रेस के नाराज कुछ अल्पसंख्यक नेता भी ओवैसी की पार्टी में शामिल हो सकते हैं। अधिवक्ता शमशाद पठान अपने मार्गदर्शक मुकुल सिन्हा की वजह से 2005 में जनसंघर्ष मंच में शामिल हुए थे। वकील मुकुल सिन्हा के साथ मिलकर वह 2002 गुजरात दंगा मामले की जांच करने वाली नानावती आयोग के सामने पेश हुए थे।इतना ही नहीं शमशाद पठान नरोडा गांव, नरोदा पाटिया, इशरत जहां, सोहराबुद्दीन और सादिक जमाल मुठभेड़ जैसे कई चर्चित केस लड़ चुके हैं।एडवोकेट ओवैस मलिक कुछ साल पहले बकराईद के मौके पर मोब लिंचिंग में मारे गए एक युवक को इंसाफ दिलाने के लिए आवाज उठा चुके हैं।इतना ही नहीं ओवैसे मलिक मुस्लिमों के अन्य मुद्दों को लेकर भी आवाज उठा चुके हैं। गुजरात में प्रवक्ता की जिम्मेदारी पाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता दानिश कुरैशी भी अल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित मुद्दों पर अपने विचार प्रकट करने में सक्रिय रहे हैं।
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