सीबीएसई ने 10वीं, 12वीं की 1 से 15 जुलाई तक होने वाली परीक्षाएं रद्द करने का फैसला किया है। यह जानकारी आज सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट को दी गई। सीबीएसई ने छात्रों को यह विकल्प भी दिया है कि वे कोरोना की स्थिति सामान्य होने के बाद परीक्षा देने का विकल्प भी चुन सकते हैं। वहीँ सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा वह छात्रों को दसवीं और बारहवीं की परीक्षा और आंतरिक मूल्यांकन के विकल्प देने पर विचार करे। इस पर अदालत ने सीबीएसई बोर्ड से जवाब मांगा है। मामले पर कल यानी 26 जून को फिर से सुनवाई होगी। सीबीएसई और सरकार की तरफ से सॉलिस्टर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को यह जानकारी दी।सीबीएसई की शेष परीक्षाएं रद्द करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई तीन जजों की बेंच एएम खानविलकर, दिनेश महेश्वरी और संजीव खन्ना के समक्ष हुई। इसके बाद से करीब पिछले दो महीने से सीबीएसई 10वीं, 12वीं की शेष परीक्षाओं को लेकर छात्रों और पैरेंट्स में चल रही उपापोह की स्थिति समाप्त हो गई। सीबीएसई की ओर से उच्चतम न्यायालय को बताया गया कि छात्रों को उनकी प्रीवियस परीक्षों के आधार पर मार्किंक की जाएगी। इससे दो दिन पहले दिल्ली के उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं के विषय में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को एक पत्र लिखा था। मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार से कहा है कि 10वीं और 12वीं की शेष रह गई बोर्ड परीक्षाएं नहीं करवाई जाएं।