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“बेटी बचाओ बेटी पढाओ..!” गेंग रेप-दुष्कर्म यथावत कोई खौफ नहीं..कोई डर नहीं..कल दिल्ही..आज हैदराबाद..

16 दिसंबर 2012 को देश की राजधानी दिल्ही में जो निर्भयाकांड का हादसा हुवा उसके बाद सरकार ने रेप अपराध कानून में किये बदलाव और देश का जो गुस्सा फूटा उसे देख कर कई अभभावकों को लगा कि, अब उनकी बेटी सुरक्षित है. लेकिन क्या ऐसा हुआ….?
हैदराबाद में एक सरकारी महिला डाक्टर पर दुष्कर्म करने के बाद उसे मार कर उसकी लाश को जला कर बीच सडक फेंक देने की वारदात को लेकर तेलंगाणा में लोगों को गुस्सा फूट गया है और सरकार के खिलाफ तथा महिलाओं की सुरक्षा को लेकर फिर एक बार मामला दुसरा निर्भयाकांड जैसा बनता आ रहा है.

हैदराबाद हैवानियतः निर्भयाकांड के वक्त मोमबती जलानेवालों, जिन्दा जली महिला की आत्मा करे पुकार…!

सरकारी दवाखाने में अपनी ड्युटी पूरी कर देर रात टोल प्लाझा पर रखी अपनी स्कूटी लेने पहुंची इस महिला डाक्टर को क्या मालुम की कुछ दरिंदगें उसके साथ क्या करेंगे. इस अपराध को सोची समझी चाल के तहत अंजाम दिया गया. डोक्टर की स्कूटी से हवा निकालना. फिर उसे मदद करने के लिये उसके पास जाना और फिर उसे घसीट कर पास के निर्जन जगह पर ले जा कर अपनी हवस पूरी करना, उसकी आवाज को दबाने के लिये उसका मूंह दबाया और उसकी सांस बंद हो गई. अपने अपराध को छिपाने उसकी लाश को अनजान जगह पर ले जा कर जलाना और फिर कीसी फ्लायओवर ब्रिज से नीचे फेंक देना. लाश को ईतनी जलाई की पहचानना मुश्किल. लेकिन महिला ने पहना लाकेट से पहचान हुई. चार आरोपी पकडे गये. उनके नाम और तस्वीरें भी जारी की गई. उसी ईलाके में एक अन्य महिला की लाश मिलने की खबर भी आई.

-अन्नाजी, किरण बेदीजी, केजरीवालजी, स्वामी अग्निवेशजी, कुमार विश्वासजी….आप सुन रहे हो न….

-तुम्हारा खून खून है और हमारा खून पानी…..2012 में निर्बया कांड को लेकर संसद से सडक तक हल्लाबोल. और 2019 में…खामोश….कोई नहीं बोलेंगा….?

हैदराबाद की हैवानियत के खिलाफ तेलंगाणा के लोग सडकों पर है. तो अनु दुबे नाम की एक युवती ने ईस मामले में सरकार का ध्यान खिंचने के लिये संसद भवन के सामने धरना दिया तो उसे वहां से उठा दिया. पुलिस के छोडे जाने के बाद अनु ने सुबक सुबक रोते हुये जो कहा वह कीसी नैतिक दुष्कर्म से कम नहीं. अनु के शब्दों मेः “पुलिस ने उसके साथ गैर वर्ताव किया. तीन महिला कान्स्टेबलो ने उसे मारा, उसे नाखून लगाये गये और फिर से धरना प्रदर्शन नहीं करने की शर्त पर उसे छोडा गया. “अनु के साथ कोई नहीं था. अनु ने बडी बत कही की भारत में हर 20 मिनिट में एक रेप की वारदात हो रही है. महिला डाक्टर को जिन्दा जला दिया गया, कल मैं भी जल जाउंगी…..कल मेरे साथ भी ऐसा हो सकता है….लेकिन मैं लडूंगी…मैं ये इसलिए कर रही हूं ताकि कल मैं जलकर न मरूं. वो लड़की मर गई, सब लड़की मर गई. हर बीस मिनट में किसी लड़की का रेप होता है. मैं मरना नहीं चाहती. मैं और रेप के मामले नहीं देख सकती. मैं पूरी रात सोई नहीं हूं और ये सिर्फ एक रात की बात नहीं है. ’’
अनु ने देश की और दुनिया की सभी महिलाओं के मन की बात कह डाली. अनु का कसूर क्या था…? संगीन दुष्कर्म और दुसरे निर्भया कांड को लेकर सरकार को जगाना कोई जूर्म है क्या…..? संसद और संसद भवन में न्याय नहीं मिलेंगा तो कहां मिलेंगा…? माना की दिल्ही में जंतरमंतर पर धरना प्रदर्शन कर सकते है लेकिन याद किजिये 2012 के निर्भया कांड को. तब केन्द्र में सरकार ओर थी. सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन के लिये लोंगों को दिल्ही में लाये जा रहे थे. पूरी दिल्ही हिला के रख दी गई थी उस वक्त. तब तो कीसी अनु को नहीं रोका गया….! सरकार को हिलाने वाले जब खुद सरकार में आये और फिर एक बार दुुसरा निर्भया कांड हुआ और दिल्ही में धरना प्रदर्शन का प्रयास हुआ तो कहा किया की- जंतर मंतर जाईये….!

-कहां है वह करणी सेना…जिसने पद्मावती का विरोध करते हुये बडी बडी बातें की थी महिला सुरक्षा की…..?

-संगीन दुष्कर्म और दुसरे निर्भया कांड को लेकर सरकार को जगाना कोई जूर्म है क्या…..?

दुसरी सरकार हो तो सब जायज. अपनी सरकार में हो तो…खामोश…..कोइ धरना प्रदर्शन नहीं चलेंगा……? क्योंजी? अनु ने अपनी सुरक्षा के लिये गुहार लगाई है…अनु ने सभी महिलाओं के लिये गुहार लगाई है…और उसके साथ एक अपराधी जैसा वर्ताव पुलिस द्वारा करना निंदनीय है और असहनीय है. 2012 में निर्भया कांड को भुनाया गया सरकार के खिलाफ कीसी द्वारा….?
कहां है वह करणी सेना…जिसने पद्मावती का विरोध करते हुये बडी बडी बातें की थी की करणी सेना महिलाओ की रक्षा के लिये काम करती है और महिलाओं की सुरक्षा के लिये हरहमेश तैयार है. श्रीमान, करणी सेना….जल्द से जल्द हैदराबाद पहुंचे….आप की सहायता की जरूर है….!
नेशनल क्राइम ब्यूरो के आंकडे बताते है की 2017 के वर्ष में भारत में भारत में रेप के 32,559 केस दर्ज हुये. यानी हररोज 89 रेप के केस दर्ज हुये. जो केस दर्ज नहीं हुये उसका आंकडा तो बडा हो सकता है. 2012 में 25 हजार रेप के केस दर्ज हुये थे. 2017 में कौन प्रधानमंत्री था इससे कुछ लेना या देना नहीं है. क्योंकि कीसी को अच्छा नहीं लगताजी. दुसरे की सरकार में ऐसा कुछ हुआ हो तो चलो दिल्ही…..! और अपनी सरकार में बने तो अनु को डालो लोकअप में….! फर्क दिखता हैजी….!
तुम्हारा खून खून है और हमारा खून पानी…..2012 में निर्बया कांड को लेकर संसद से सडक तक हल्लाबोल. और 2019 में हैदराबाद गेंग रेप-निर्भया कांड हुआ, तो कोई नहीं चिल्लायेंगा….कोई विरोध नहीं करेंगा….! महिलायें याद कर रही है सुष्मा स्वराजजी को. वह होती तो खुल कर आवाज उठाती. आज तो प्रज्ञा है जो खुद महिला होते हुये ऐसे मामले में नहीं लेकिन अपने आदर्श गोडसे के लिये चिल्लाती है….! खामोश…मेरे गोडसे को कीसी ने हत्यारा कहा था….वह तो सर से लेकर पांव तक देशभक्त था रे…..!

-2017 के वर्ष में भारत में भारत में रेप के 32,559 केस दर्ज हुये. यानी हररोज 89 रेप के केस दर्ज हुये….


गुजरात में क्या स्थिति है……? नशाबंदी वाले और भाजपा जिसे अब मोदी का गुजरात कहते है उस गुजरात में आंकडे बताते है कि हररोज दो केस दुष्कर्म के होते है….! 2013 से 2018 के पांच साल में गुजरात में करीब 4,358 दुष्कर्म के केस दर्ज हुये…..! गोधराकांड से जूडा बिल्कीसबानो गेंग रेप इसमें शामिल नहीं है.
पूर्वोत्तर के राज्यों में से सब से ज्यादा लोग गायब हो रहे है. जिस में लडकियां और बच्चों की संख्या ज्यादा है. ये कहां जाते है, उनका क्या होता है, कहां पहुंचते है उसकी चर्चा मुख्य टीवी मिडिया में कीतनी हुई या कीतनी बार हुई, मालुम हो तो बताईंयेंगाजी….!
दुसरा निर्भया कांड. गेंग रेप-दुष्कर्म के बाद जिन्दा जलाना, लाश को ब्रिज से धकेलना…कोई खौफ नहीं….कोई डर नहीं…..कल दिल्ही….आज हैदराबाद तो कल कहीं ओर हो सकता है.
अन्नाजी, किरण बेदीजी, केजरीवालजी, स्वामी अग्निवेशजी, कुमार विश्वासजी….आप सुन रहे हो न….आप टीवी देख रहे हो न….आप अखबार तो पढ रहे हो न….कब पहुंचेंगे दिल्ही के रामलीला मैदान में…..? हैदराबाद के हैवानियत की शिकार महिला डाक्टर की आत्मा तुम्हे पुकार रही है…..सुन सको तो….!

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