वस्त्राल आरटीओ में छुट्टी के दिन सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी करके १२० लाइसेंस बनाने के मामले में सरकारी कंप्यूटर का गुप्त यूजर आईडी और पासवर्ड देने वाली महिला क्लर्क दिप्तीबहन सोलंकी की शर्त के तहत जमानत बुधवार को एडिशनल सेशंस न्यायाधीश वीजे. कलोतरा द्वारा मंजूर किया गया । वस्त्राल आरटीओ की महिला क्लर्क दिप्तीबहन सोलंकी की ओर से की गई जमानत अर्जी में सीनियर एडवोकेट आरजे. गोस्वामी और एडवोकेट प्रतिक के. नायक ने पेशकश करते हुए कहा कि, शिकायतकर्ता के आरोप के अनुसार, दिप्तीबहन सोलंकी ने सरकारी कंप्यूटर का गुप्त यूजर आईडी और पासवर्ड आरोपी एजेंट जिग्नेश मोदी और अन्य लड़की को दिया था । जिसकी वजह से इसका दुरुपयोग हुआ था और छुट्टी के दिन वस्त्राल आरटीओ में सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी करके बाहर ही बाहर १२० लाइसेंस की एंट्री कर दी गई थी । लेकिन पूरे मामले में अर्जीकर्ता के विरूद्ध कोई मामला नहीं बनता है इसके विरूद्ध में कोई पुख्ता सबूत भी नहीं है । क्योंकि, अर्जीकर्ता ने जिस लड़की को पेनड्राइव दिया था, इसे खुद पुलिस ने लिया है । लेकिन इस केस में जांच पूरी हो गई है और चार्जशीट भी फाइल हो गया है, तब अब अर्जीकर्ता को जेल में रखना कोई अर्थ नहीं है । अर्जीकर्ता महिला है और अगस्त महीने से महिला होने के बावजूद भी जेल में है । यह स्थिति में कोर्ट ने अर्जीकर्ता को जमानत पर बरी करना चाहिए । अर्जीकर्ता महिला क्लर्क की ओर से दी गई दलीलें मंजूर रखकर एडिशनल सेशंस न्यायाधीश वीजे. कलोतरा ने दिप्तीबहन सोलंकी को शर्त के तहत जमानत मंजूर की है ।
પાછલી પોસ્ટ
આગળની પોસ્ટ