सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को भीमा कोरेगांव मामले में आरोपी गौतम नवलखा को 15 अक्टूबर तक गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान कर दी। सामाजिक कार्यकर्ता नवलखा पर पुणे के भीमा कोरेगांव में जातीय हिंसा भड़काने में सलिप्तता का आरोप है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की एक और पीठ ने गुरुवार को सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा की याचिका पर सुनवाई करने से खुद को अलग कर लिया था।
नवलखा को भीमा कोरेगांव मामले में आरोपी बनाया गया है। उन्होंने अदालत में पुणे पुलिस के जरिए अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए याचिका दाखिल की हुई है।
न्यायाधीश अरुण मिश्रा, विनीत शरण और एस रवींद्र भट्ट की तीन जजों की बेंच के सामने सुनवाई के लिए मामला आया। न्यायमूर्ति भट्ट ने मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया, जिसके बाद अदालत ने यह मामला दूसरी पीठ के पास भेज दिया था।