अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता प्रस्ताव को कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ठुकराते हुए कहा कि हमें मध्यस्थ की आवश्यकता नहीं है। हमें पाकिस्तान से बात करने में कोई परेशानी नहीं है, लेकिन अगर वे एक हाथ में बंदूक और दूसरे में बम रखते हैं तो हम उनसे बात नहीं कर सकते। उन्हें आतंक के अड्डों को बंद कराना चाहिए। इस मसले पर कांग्रेस और भाजपा का एक ही नीति है। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि इस मसले पर कांग्रेस और भाजपा का रुख एक ही है। हम सिर पर बंदूक रखकर बातचीत नहीं कर सकते हैं। कश्मीर पर तीसरे पक्ष की कोई आवश्यकता नहीं है। हम उनसे (पाकिस्तान) अभी बात नहीं कर रहे हैं क्योंकि वे आतंकवादियों को पनाह दे रहे हैं और हम इसे स्वीकार नहीं करते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फादर ऑफ इंडिया कहने पर शशि थरूर ने कहा कि शायद डोनाल्ड ट्रंप नहीं जानते कि स्वतंत्र भारत का जन्म 1947 में हुआ था और मोदी जी की जन्मतिथि 1949 या 50 है। ऐसे स्थिति है पिता बच्चे के बाद पैदा हुआ हो। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि मैंने भारत और पाकिस्तान के नेताओं के साथ कश्मीर पर चर्चा की है और उन्हें मध्यस्थता की पेशकश की है और उनसे अपील की कि इस मामले को बस सुलझा लें और खत्म करें। मध्यस्थता के प्रस्ताव पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा था कि मैंने अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो को अवगत करा दिया कि कश्मीर मामले पर यदि किसी बातचीत की जरूरत पड़ी तो वह सिर्फ पाकिस्तान के साथ होगी और वह द्विपक्षीय होगी। कश्मीर पर हमें तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की आवश्यकता नहीं है।
આગળની પોસ્ટ