अहमदाबाद शहर में हाईराइज्ड बिल्डिगों में फायरसेफ्टी और फायर एनओसी का सवाल तो खड़ा ही हैं एसे समय में फायर की एनओसी देते फायर विभाग के चीफ फायर ओफिसर या एडिशनल चीफ फायर के पास फायर सेफ्टी नहीं होने के मामले में नोटिस देने की भी सत्ता नहीं होने की चौंकाने वाली बात सामने आई हैं । देश के अन्य राज्य और मुंबई दिल्ली जैसे शहरों में सभी सत्ता सिर्फ फायर विभाग के पास ही रखी गई हैं । मिली जानकारी के अनुसार अहमदाबाद शहर में आज भी ३७० से अधिक आवासिय इस्तेमाल हो रहे हाइराइज्ड बिल्डिंगों में फायर की आवश्यक एनओसी नहीं है । फिर भी यह हाईराइज्ड बिल्डिगों के सामने फायर विभाग के अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही हैं । आधिकारिक सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार जब जब हाईकोर्ट में फायरसेफ्टी या एनओसी का सवाल उपस्थित होता है उस समय ही म्युनिसिपल तंत्र जागता हैं । शहर में आज की स्थिति में २५० से अधिक कोमर्शीयल और इतनी ही संख्या में कोमर्शीयल और आवासीय दोनों तरह के इस्तेमाल हो रहे लो राइज और हाईराइज बिल्डिगों में फायर सेफ्टी के साधन या एनओसी नहीं हैं । कभी भी कोई दुर्घटना हो सकती हैं । फायर के एडीशनल चीफ फायर ओफिसर राजेश भट्ट का इस मुद्दे पर सपर्क करने पर उन्होंने कहा कि सिर्फ गुजरात ही ऐसा राज्य है जहां नोटिस देने की भी चीफ फायर ओफिसर या एडिशनल चीफ फायर ओफिसर को सत्ता नहीं हैं । देश के अन्य बड़े शहरों में एस्टेट विभाग नहीं बल्कि फायर को ही एनओसी देने से लेकर नोटिस या फायरसेफ्टी का अमल कराने तक की सभी कार्रवाई करने सत्ता प्राप्त हैं । दूसरी तरफ मामले में विपक्षनेता का संपर्क करने पर फायर एनओसी का कार्य भी संस्थाओं को दिया गया हैं ।