प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तीन देशों जर्मनी, स्पेन और रुस की यात्रा की शुरुआत २९ मई से करेंगे । जिसका मकसद इन देशों के साथ संबंधों को मजबूती प्रदान करने के साथ ही भारत में निवेश आमंत्रित करना हैं । सूत्रो ने बताया कि जर्मनी और स्पेन की यात्रा द्विपक्षीय होगी, जबकि रुस के सेंट पीटर्सबर्ग में प्रधानमंत्री सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इलोनोमिक फोरम की बैठक में हिस्सा लेने जायेंगे । यह बैठक १ से ३ जून के बीच होगी । सेंट पीटर्सबर्द इंटरनेशनल इकॉनोमिक फोरम में दुनिया से हजारों की संख्या में कारोबारी नेता हिस्सा लेंगे । इस दौरान मोदी को भारत में निवेश आमंत्रित करने का अवसर मिलेगा । साथ ही प्रधानमंत्री मोदी की रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बातचीत होने की उम्मीद हैं । इस मुलाकात में दोनों देशों के संबंधों पर चर्चा होने और उसे बढ़ावा देने के रास्ते तलाशने पर बात हो सकती हैं । बातचीत के दौरान कारोबार, निवेश, रक्षा और परमाणु सहयोग के क्षेत्र में भी चर्चा होने की उम्मीद हैं । भारत और रुस तमिलनाडु में कुडनकुलम परमाणु उर्जा संयंत्र की यूनिट ५ और ६ के लिए सामान्य समझौता ढांचे को अंतिम रुप देने के बारे में चर्चा कर रहे हैं । लेकिन अभी तक तय नहीं है कि इस यात्रा के दौरान इस पर हस्ताक्षर होंगे या नहीं । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तीन देशों की पांच दिवसीय यात्रा का पहला पड़ाव जर्मनी से होगा । जिसमें वह चांसलर एंजेला मर्केल से बातचीत करेंगे । दोनों देशों के सामरिक संबंधों को नए स्तर ले जाने के साथ ही कारोबारी संबंधों को मजबूत बनाने पर भी चर्चा करेंगे । पिछले दो वर्षो के दौरान मोदी की यह जर्मनी की दूसरी यात्रा होगी । इससे पहले वे अप्रैल २०१५ में जर्मनी गए थे, मर्केल उसी साल अक्टूबर में भारत आई थी ।