मनुष्य की चाल धन से भी बदलती
है और धर्म से भी बदलती है..
जब धन संपन्न होता है तब अकड़
कर चलता है, और जब धर्म संपन्न होता है,
तो विनम्र होकर चलता है..!!
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जिंदगी भले छोटी देना मेरे भगवन्..
मगर देना ऐसी -,
कि सदियों तक लोगो के दिलों मे –
जिंदा रहूँ और हमेशा अच्छे कर्म कर सकूं..!!