प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत अपने बैंक खाते खोलने वाले लोग अब ज्यादा बचत कर रहे है । यह दावा स्टेट बैंक ओफ इंडिया की इकोनमिक रिसर्च विंग ने किया है । रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि खाता खोलने वाले लोगो ने शराब और तंबाकु जैसी चीजो की खरीद पर भी कमी की है । रिपोर्ट में कहा गया है इससे ग्रामीण इलाको मे मुद्रास्कीत भी धीमी हो सकती है । जिस समय प्रधानमंत्री जनधन योजना लोन्च की गई थी, उस समय आशंका जताई गई थी की पैसे का ज्यादा मात्रा मे ंसर्कुलेशन होने से मुद्रास्फीती प्रभावित हो सकती है । रिपोर्ट में खुदरा मुद्रास्फीती के डेटा का हवाला देते हुए बताया गया है कि जिन राज्यो में ग्रामीण इलाको में ५० प्रतिशतृ से ज्यादा जनधन खाते है, उन राज्यो में मुद्रास्फीति पर सकारात्मक असर पडा है । कुल मिलाकर ३० करोड जनधन खातो में से काफी खाते नोटबंधी के फैसले के बाद खोले गए है । देश भर के सिर्फ १० राज्यो में कुल खातो की ७५ प्रतिशत संख्या है । इनमें उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा ४.७ करोड खाते है । इसके बाद बिहार और पश्विम बंगाल का नंबर आता है । एसबीआई की स्टडी में ग्रामीण और शहरी कन्ज्युमर प्राइस इंडेक्स पर जनधन खाते खुलने के प्रभाव को राज्य वार बताया गया है । यह रिसर्च का हिस्सा है, जिसे इस साल के आखिर तक जारी किया जाना है । रिपोर्ट में कहा गया है, यह विश्लेषण इस बात की पुष्टि करता है कि अर्थव्यवस्था की औपचारिकता के अतिरिक्त, वित्तीय समावेशन में ठोस फायदे हैं, जिन्हे मुद्रास्फीति के आंकडो से समझा जा सकता है । ग्रामीण लोगो को बचत के लिए प्रेरीत करने के अलावा, जनधन खातो ने उन्हें कई बुरी आदतो से भी दुर रखा है । एसबीआई की ग्रुप चीफ इकोनमिक अडवाजर सौम्या कांति घोष ने यह रिपोर्ट तैयार की है । उन्होंने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि जिन इलाको में जनधन खाते बडी संख्या में खोले गए है, उनमें शराब और तंबाकु जैसी चीजो की बिक्री में कमी आई है ।