म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के सत्ताधीश कांकरिया लेकफ्रन्ट में स्थित जलधारा वोटर पार्क पर कुछ कारणों से मेहरबान है । जलधारा वोटर पार्क का १५ वर्ष का कॉन्ट्राक्ट आगामी १७ अगस्त २०१७ को पूरा होने से नियम अनुसार इसे म्युनिसिपल प्रशासन वापस करना होता है फिर भी सत्ताधिकारी मेहरबानी से जलधारा वोटर पार्क के संचालकों के हवाले ही समग्र प्रोजेक्ट सौंपा गया है । जिसके कारण म्युनिसिपल तिजोरी को करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है । ऐसे तो जलधारा वोटर पार्क प्रशासन का पीपीपी दृष्टिकोण के तहत का प्रथम प्रोजेक्ट माना जाता है । अगस्त २००२ में इसे १५ वर्ष का कॉन्ट्राक्ट दिया गया था उसके बाद से जलधारा वोटर पार्क एक या दूसरे विवाद में आ जाता है । यह वोटर पार्क के संचालकों की समर्थन में कॉन्ट्राक्ट की मूल शर्त बदल रही होने का भी चर्चा की जा रही है ।भाजपा पार्टी के एक पूर्व कॉर्पोरेटर और एएमटीएस कमिटी के वर्तमान सदस्य यह वोटर पार्क के प्रमुख होने से शासक विशेष मेहरबानी रख रहे होने की लोगों द्वारा चर्चा हो रही है । पहले तैरने आये बच्चे के डूब जाने से और शोर्ट सरकिट से मौत की घटना होने से संचालकों के विरूद्ध संबंधित समय में भारी नाराजगी फैल चुकी थी लेकिन आखिर में समग्र मामले का निपटारा हो गया था । म्युनिसिपल सत्ताधीशों की मेहरबानी से विशेष प्रस्ताव करके सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को मनाने की विशेष सुविधा संचालकों को दी गई है । वोटर पार्क के गैरकानूनी निर्माणकाम का मामला भी बीच में विवादास्पद हो गया था । छत पर मैरेज डोम निर्माण का मुद्दा विवादों में आ गया था । यह वोटर पार्क के संचालन के लिए नयेसिरे से नीविदा जारी करके प्रशासन म्युनिसिपल तिजोरी को करोड़ों रुपये का आर्थिक लाभ दे सकता है इसके बदल में और २० वर्ष के लिए समग्र प्रोजेक्ट फिलहाल के संचालकों को सौंप देने का प्रस्ताव तैयार किया गया है । जलधारा वोटर पार्क में नई राइड खड़ी करने की मंजूरी देने का उल्लेख भी प्रस्ताव में किया गया है ।