आतंकवाद से लड़ाई के नाम पर हथियार और धन मुहैया कराता रहा अमेरिका अब पाकिस्तान को एक्सपोज करने में जुटा हैं । पाक को आतंकवादियों के लिए सुरक्षित शरणस्थली घोषित किए जाने के बाद अमेरिका के पूर्व राजनयिकों और अधिकारियों ने कहा है कि पाकिस्तान ने तालिबान, हक्कानी नेटवर्क और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी समूह बनाए ताकि भारत की स्थिति को कमजोर किया जा सके और युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में पाकिस्तानी हितों को बचाया जा सके । वहीं रिपब्लिकन पार्टी के एक पूर्व सेनेटर का कहना है कि अमेरिका को पाकिस्तान के साथ भी उत्तर कोरियां की तरह ही दुराग्रही देश जैसा व्यवहार करना चाहिए । उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका को कट्टरपंथ से निपटने के लिए भारत के साथ एक वृहद गठबंधन करना चाहिए क्योंकि इस्लामाबाद आंतक से निपटने के नाम पर आर्थिक मदद को लेकर अमेरिका को ब्लैकमेल कर रहा हैं और उसके बावजूद वह आंतकियों को पाल रहा हैं । साउथ डकोटा के पूर्व अमेरिकी सेनेटर लेरी प्रेसलर ने अपनी किताब नेबर्स इन आर्म्सः एन अमेरिकन सेनेटर्स क्वेस्ट फॉर डिसआर्ममेंट इन न्यूक्लियर सब कॉन्टिनेंट में लिखा हैं । आतंकवाद को लेकर अगर पाकिस्तान अपने तरीकों में बदलाव नहीं करता है तो उसे आतंकी देश घोषित कर देना चाहिए । मेरे अलावा विदेश नीति के कई अग्रणी विशेषज्ञों ने भी जोर देकर यह बात कही हैं । बुश प्रसासन ने भी अपने पहले कार्यकाल में साल १९९२ में इस बारे में गंभीरता से विचार किया था ।