खादी अब सिर्फ सादगी का प्रतीक नहीं रही है । खादी के इस्तेमाल का कवरेज बढ़े, रोजगारी और बिक्री बढ़े और विशेष करके खादी फैशन बने इसके लिए अब खादी ग्रामोद्योग बोर्ड राज्य की लोकप्रिय मीलों के साथ जुड़ेगा । जिसके कारण सिर्फ अहमदाबाद में नहीं, शहर के लोकप्रिय फैशन डिजाइनर तथा ब्रान्डेड कपडे के आउटलेट्स में अब त्यौहार या दीपावली के सिजन में ब्रान्डेड खादी की अलग डिजाइन मिलेगी । खादी एंड विलेज इन्डस्ट्रीज के स्टेट डायरेक्टर संजय हेडाऊ ने बताया है कि गुजरात की १० मील खादी को ब्रान्ड के साथ प्रमोट करेगी और राज्य के १५० आउटलेट्स में खादी की अलग-अलग डिजाइन के साथ कपडों की बिक्री करेंगे । खादी का कितना उत्पादन मीलों को बेचा जाएगा, जिसकी वजह से बिक्री की समस्या में कमी होगी । यह मीलों को हररोज औसत १००० मीटर खादी की खरीदी करेंगे और इसमें से अलग-अलग कपडों की डिजाइन तैयार करके उनके आउटलेट्स में बैचेग । वर्ष के कुछ महीनों को छोड़कर खादी की बिक्री में होने पर कटौती के कारण यह निर्णय लिया गया है, जिसके कारीगरों की बेरोजगारी की समस्या कम होगी । शहर के खादी ग्रामोद्योग भवन में युवा आने लगे है । नवरात्री में खादी के कुर्ते की मांग बढ़ती है । खादी के शॉपिंग के लिए आते युवाओं में सबसे ज्यादा डेनिम जीन्स खादी प्रिय है । अलग-अलग बारह रंग में खादी जीन्स युवाओं में लोकप्रिय हो रहे है तथा डेनिम-जीन्स की तैयार कोटी ने भी पिछले ४-५ वर्ष से युवाओं में आकर्षण जमाया है यह खादी भवन के मैनेजर जितेन्द्र शुक्ला ने बताया है । सौराष्ट्र रचनात्मक समिति के नियामक गीरिश शाह ने कहा है कि पहले खादी भवन में शेतरंजी, आसनपट्टा का उत्पादन बड़े प्रमाण होने पर अब कम हो गया है, इसके सामने ७० फीसदी उत्पादन डेनिम जीन्स, कोटी, शर्टिंग का बढ़ गया है, जिसमें डिजाइनर वर्कवाला ड्रेस, कुर्ती, साडी, पटोला, डेनिम जीन्स और जीन्स की कोटी और शेतरंजी का उत्पादन होता है ।