अगले पांच सालों में यानी २०२२ तक सबको घर दिलाने के प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) की धीमी चाल से नाराज पीएम मोदी ने प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए राज्यों से प्राथमिकताएं निर्धारित कर रोडमैप पीएमओ को भेजने को कहा हैं । केन्द्र सरकार शहरी स्थानीय इकाइयों और अन्य एजेसियों को राज्यों के जरिए प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए फंड मुहैया करा रही हैं । इस योजना के तहत २०२२ तक शहरी गरीबों के लिए ४०२५ शहरों में २ करोड़ अफोर्डेबल घर बनाने हैं । पीएम मोदी ने १२ जुलाई को विडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए राज्य के मुख्य सचिवों से यह सुनिश्चित करने को कहा हैं कि २०१५-१६ और २०१६-१७ में स्वीकृत हुए घरों को २०१७-१८ के अंत तक पूरा कर लिया जाए । राज्यों द्वारा भेजे गए प्रस्तावों के आधार पर २०१५ से मार्च २०१७ तक २००० शहरों में केवल १७ लाख घरों की स्वीकृति मिली थी । कुल ९५६६० करोड़ रुपये के निवेश में केन्द्र द्वारा २७८७९ करोड़ रुपये मिलने थे । केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकृति केवल उन्हीं राज्यों की लिस्ट को मिली थी । जिन्होंने लाभार्थियों की वेरिफाइड लिस्ट भेजी थी । कई राज्यों द्वारा भेजी गई लिस्ट में लाभार्थी वेरिफाइड नही थे । अभी तक यह जानकारी नहीं है कि राज्यों ने इस योजना के तहत २०१५ से अभी तक कितने घर बनाए हैं । पीएम मोदी ने अब राज्यों से स्कीम के एक्शन प्लान का साप्ताहिक रिव्यू करने को कहा हैं । साथ ही सभी राज्यों को २०२२ तक टारगेट पूरे करने के रोडमैप को भी पीएमओ के पास भेजने को कहा हैं । कैबिनेट सचिव इन रोडमैप को मॉनिटर करेंगे । शहरी विकास मंत्रालय ने हाउसिंग टेक एक्सपट्र्स के साथ स्कीम का ज्यादा अच्छे से क्रियान्वयन करने के लिए वर्कशॉप आयोजित करने को भी कहा हैं । प्रधानमंत्री आवास योजना में निजी भागीदारी संतोषजनक नहीं रही हैं । योजना के कुछ हिस्से पूरी तरह से निजी प्रवेश पर निर्भर हैं जैसे स्लम का रीडिवेलपमेंट । सरकार के लिए यह चिंता का बड़ा कारण बना हुआ हैं ।