नोटबंदी के बाद टैक्स चोरों पर इनकम टैक्स अथॉरिटीज की सख्ती की वजह से इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स की संख्या बढ़ी हैं । अप्रैल-जून तिमाही में इंजिविजअल्स के अडवांस टैक्स पेमेंट्स में ४० पर्सेट की सालाना बढ़ोतरी हुई हैं । सरकार का मानना है कि इस वित्त वर्ष में टैक्सपेयर्स की संख्या ६ करोड़ से अधिक हो जाएगी । जून तक जो रिटर्न फाइल किए गए हैं । उनमें पहले ही १५ पर्सेट की बढ़ोतरी हो चुकी हैं ।अब अधिक संख्या में लोग सेल्फ असेसमेंट टैक्स अदा कर रहे हैं । इस साल इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन ३१ जुलाई हैं । सरकार का कहना है कि अगले साल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) की वजह से टैक्सपेयर्स की संख्या और बढ़ सकती हैं । एक सीनीयर गवर्नमेन्ट ओफिशर ने बताया कि टैक्स कंप्लायंस बढ़ रहा हैं । आंकड़ों से भी यह बात साबित होती हैं । टैक्स रिटर्न फाइलिंग को सिंपल बनाने और टैक्स चोरों को बार बार वॉर्निंग दिए जाने की वजह से टैक्सपेयर्स की संख्या बढ़ रही हैं । वित्तवर्ष २०१५-१६ में टैक्सपेयर्स की संख्या ५.२४ करोड़ थी । सरकार ने राज्यसभा को यह जानकारी दी थी । एक सूत्र ने बताया कि २०१६-१७ में संख्या ६.२५ करोड़ पहुंच सकती हैं । अप्रैल जून क्वार्टर में पर्सनल इनकम टैक्स की अडवांस पेमेंट ४०.२६ पर्सेट बढ़कर ८६८२ करोड़ रुपये हो गई जो साल भर पहले की इसी तिमाही में ६१९० करोड़ रुपये थी । सेल्फ- असेसमेंट टैक्स कलेक्शन भी पहली तिमाही में ३१ पर्सेट बढ़ा हैं ।सूत्र ने बताया कि यह नोटबंदी का असर है । जीएसटी लागू हो चुका हैं । इसलिए टैक्सपेयर्स की संख्या में और बढ़ोतरी होगी । इनकम टैक्स अथॉरिटीज ने नवम्बर २०१६ के बाद ओपरशनल क्लीन मनी शुरु किया हैं । जिसमें टैक्स चोरों पर सख्ती की जा रही हैं ।
આગળની પોસ્ટ