Aapnu Gujarat
બ્લોગ

मुसीबत में है, व्हाट्साप

आजकल व्हाट्साप को दुनिया के करोड़ों लोग रोज इस्तेमाल करते हैं। वह भी मुफ्त! लेकिन पिछले दिनों लाखों लोगों ने उसकी बजाय ‘सिग्नल’, ‘टेलीग्राम’ और ‘बोटिम’ जैसे माध्यमों की शरण ले ली और यही क्रम कुछ महिने और भी चलता रहता तो करोड़ों लोग ‘व्हाट्साप’ से मुंह मोड़ लेते। ऐसी आशंका इसलिए हो रही है कि व्हाट्साप की मालिक कंपनी ‘फेसबुक’ ने नई नीति बनाई है जिसके अनुसार जो भी संदेश व्हाट्साप से भेजा जाएगा, उसे फेसबुक देख सकेगा याने जो गोपनीयता व्हाट्साप की जान थी, वह निकलनेवाली थी। व्हाटसाप की सबसे बड़ी खूबी यही थी और जिसका बखान उसे खोलते ही आपको पढ़ने को मिलता है कि आपकी बात या संदेश का एक शब्द भी न कोई दूसरी व्यक्ति सुन सकता है और न पढ़ सकता है। यही वजह थी कि देश के बड़े-बड़े नेता भी आपस में या मेरे-जैसे लोगों से दिल खोलकर बात करना चाहते हैं तो वे व्हाट्साप का ही इस्तेमाल करते हैं। इसका दुरुपयोग भी होता है। आतंकवादी, हत्यारे, चोर-डकैत, दुराचारी और भ्रष्ट नेता व अफसरों के लिए यह गोपनीयता वरदान सिद्ध होती है। इस दुरुपयोग के विरुद्ध सरकार ‘व्यक्तिगत संवाद रक्षा कानून’ ला रही है, जो व्यक्तिगत स्वतंत्रता और गोपनीयता की रक्षा तो करेगा ही लेकिन संविधान विरोधी बातचीत या संदेश को पकड़ सकेगा। मैं आशा करता हूं कि इस महत्वपूर्ण कानून को बनाते वक्त हमारी सरकार और संसद वैसी लापरवाही नहीं करेगी, जैसी उसने कृषि-कानूनों के साथ की है। अभी भी व्हाट्साप पर स्वास्थ्य-जांच रपटें, यात्रा और होटल के विवरण तथा व्यापारिक लेन-देन के संदेशों को भेजने की खुली व्यवस्था है। ‘फेसबुक’ चाहती है कि ‘व्हाट्साप’ की समस्त जानकारी का वह इस्तेमाल कर ले ताकि उससे वह करोड़ों रुपए कमा सकती है और दुनिया के बड़े-बड़े लोगों की गुप्त जानकारियों का खजाना भी बन सकती है। व्हाटसाप इस नई व्यवस्था को 8 फरवरी से शुरु करनेवाला था लेकिन लोगों के विरोध और क्रोध को देखते हुए उसने अब इसे 15 मई तक आगे खिसका दिया है। फेसबुक को व्हाट्साप की मिल्कियत 19 अरब डाॅलर में मिली है। वह इसे कई गुना करने पर आमादा है। उसे पीछे हटाना मुश्किल है लेकिन ‘यूरोपियन यूनियन’ की तरह भारत का कानून इतना सरल होना चाहिए कि नागरिकों की निजता पूरी तरह से सुरक्षित रह सके लेकिन मेरा अपना मानना यह है कि जिन लोगों का जीवन खुली किताब की तरह होता है, उनके यहाँ गोपनीयता नाम की कोई चीज़ ही नहीं होती। वे किसी फेसबुक से क्यों डरें ?

Related posts

સરદાર જ્યંતિ : સરદાર પટેલઃ ઉત્કૃષ્ટ નેતા અને આયોજક

aapnugujarat

GDP ગ્રોથમાં ૮.૨ ટકાનો વધારો

aapnugujarat

ટૂંકી વાર્તા : આંચકો

editor

Leave a Comment

UA-96247877-1