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राहुल गांधी पर शरद पवार के कमेंट पर भड़की कांग्रेस

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को लेकर एनसीपी प्रमुख शरद पवार की ओर से की गई एक टिप्पणी के बाद कांग्रेस पार्टी ने पलटवार किया है। कांग्रेस की नेता और उद्धव सरकार में कैबिनेट मंत्री यशोमति ठाकुर ने शनिवार को कहा कि अगर महा विकास अघाड़ी के दल महाराष्ट्र सरकार को स्थिर रखना चाहते हैं तो उन्हें कांग्रेस के शीर्ष नेताओं पर कोई भी गलत टिप्पणी करना बंद करना होगा। इस पर एनसीपी ने सफाई देते हुए कहा है कि उनकी (शरद पवार) टिप्पणी केवल ‘पितातुल्य नेता की सलाह’ थी। इससे पहले यशोमति ठाकुर ने ट्वीट किया, ‘MPCC की एक कार्यकारी अध्यक्ष होने के नाते मुझे MVA में सहयोगियों से अपील करनी चाहिए कि अगर आप महाराष्ट्र में स्थिर सरकार चाहते हैं तो कांग्रेस पर टिप्पणी करना बंद कर दें। हर किसी को गठबंधन के बुनियादी नियमों का पालन करना चाहिए।’ यशोमति ठाकुर ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘हमारा नेतृत्व बहुत मजबूत और स्थिर है। MVA का गठन लोकतांत्रिक मूल्यों में हमारी मजबूत धारणा का परिणाम है।’ यशोमति ठाकुर की प्रतिक्रिया राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार की टिप्पणी पर आई है, जिन्होंने एक नेता के रूप में राहुल गांधी की क्षमता पर सवाल उठाया था।
दरअसल, एक समाचार पत्र को दिए इंटरव्यू में शरद पवार के कहा था कि राहुल गांधी के अंदर राजनीतिक स्थिरता की कमी है। इस बयान के बाद महाराष्ट्र में कांग्रेस की वर्किंग प्रेसिडेंट और महाविकास अघाड़ी सरकार की मंत्री यशोमति ठाकुर ने कहा कि अगर आप महाराष्ट्र में स्थिर सरकार चाहते हैं तो आपको कांग्रेस के शीर्ष नेताओं पर गलतबयानी बंद करनी चाहिए। सभी को गठबंधन के नियमों का पालन करना चाहिए। महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी का निर्माण लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर ही हुआ है। वहीं दूसरी ओर शिवसेना ने राहुल गांधी पर की गई टिप्पणी को शरद पवार का दिशा निर्देश बताया। पार्टी के सांसद संजय राउत ने कहा कि शरद पवार बहुत बड़े नेता हैं। अगर उनके जैसा अनुभवी नेता किसी भी राजनेता के बारे में कोई टिप्पणी करता है को उसे उनके मार्गदर्शन सा समझा जाना चाहिए।
महाराष्ट्र में शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस की एमवीए सरकार ने 28 नवंबर को अपना एक साल पूरा किया। इसका गठन 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद किया गया था। बीजेपी ने शिवसेना के साथ चुनाव लड़ा और वह सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। हालांकि, दोनों दलों ने सीएम पद के मतभेदों के चलते अलग राह चुनी। शिवसेना ने तब महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए NCP और कांग्रेस से हाथ मिलाया था। बीजेपी ने पिछले साल हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में सबसे अधिक 105 सीटें जीती थीं। इसके बाद शिवसेना ने 56 सीटें हासिल कीं। एनसीपी ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटें जीती थीं।

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