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लद्दाख में तनाव और बढ़ा, चीन ने सैनिकों की संख्या में किया भारी इजाफा

चीन और भारत के बीच लद्दाख में तनाव तेजी से बढ़ रहा है। ख़बर है कि चीन लद्दाख सीमा पर भारी संख्या में पीएलए सैनिकों की तैनाती कर रहा है। साथ ही गोला बारूद, मिसाइल, राकेट लांचर और लड़ाकू विमानों की तैनाती को बढ़ा रहा है। उधर चीन के अखबार ग्लोबल टाइम्स ने सुरक्षा विश्लेषकों के हवाले से दावा किया है कि चीनी PLA ने सुरक्षाबल और भारी हथियारों की तैनाती बढ़ा दी है और इनके साथ युद्धाभ्यास किया जा रहा है। अखबार के मुताबिक एयर डिफेंस, सशस्त्र वाहन, पैराट्रूपर, स्पेशल फोर्स और इन्फैन्ट्री को देशभर के हिस्सों से बुलाकर इस क्षेत्र में लगाया गया है। PLA के सेंट्रल थिअटर कमांड एयरफोर्स के H-6 बॉम्बर और Y-20 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट ट्रेनिंग मिशन के लिए यहां तैनात किए हैं।

PLA के तिब्बत मिलिट्री कमाड ने 4,500 मीटर की ऊंचाई पर संयुक्त ब्रिगेड स्ट्राइक एक्सरसाइज की है। PLA की 72वें ग्रुप सेना भी उत्तरपश्चिम में पहुंची है और यहां इसकी एयर डिफेंस ब्रिगेड ने भी लाइव-फायर ड्रिल की हैं जिनमें ऐंटी-एयरक्राफ्ट गन और मिसाइल पर अभ्यास किया गया। इससे पहले चीन के पश्चिमी थिअटर कमांड ने आरोप लगाया है कि 7 सितंबर को उसके सैनिक बातचीत के लिए गए थे और वहां उन पर भारतीय सैनिकों ने गोलीबारी की।

उधर, भारतीय सूत्रों का कहना है कि चीन के सैनिक मुखपारी चोटी पर कब्‍जा करने के लिए गलवान जैसी हिंसा दोहराना चाहते थे और भारतीय सैनिकों को बचाव में हवा में गोली चलानी पड़ी। हथियारों से लैस चीनी सैनिक शेनापाओ/गॉड पाओ पहाड़ी की तरफ बढ़े। यह चोटी थाकुंग और स्‍पांगुर गैप के बीच में स्थित है। भारतीय सेना ने चीन की नापाक हरकतों का जवाब देने के लिए 29/30 अगस्‍त को इसी इलाके में जोरदार कार्रवाई करते हुए सभी प्रमुख चोटियों पर कब्‍जा कर लिया था। जिसके बाद से ड्रैगन बौखलाया हुआ है।

कुल मिलाकर चीन और भारत के बीच पूर्वी लद्दाख में मई से शुरू हुआ तनाव अब और भी गंभीर होता जा रहा है। गलवान घाटी की हिंसा के बाद पैंगॉन्ग झील पर भी दोनों सेनाओं की बीच झड़प हुई। वहीं, अब चीन ने आरोप लगाया है कि भारतीय सेना ने उस पर गोलीबारी की है। इस सबके बीच चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने इस क्षेत्र में भारी सेना और हथियार तैनात करना तेज कर दिया है। देश के अलग-अलग हिस्सों से सेना यहां बुलाई जा रही है।

ग्लोबल टाइम्स ने पब्लिक मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से दावा किया है कि लंबी-दूरी के ऑपरेशन, तैनाती के लिए अभ्यास और लाइव-फायर ड्रिल कई हफ्तों से जारी हैं। यह कार्रवाई उत्तरपश्चिम चीन के रेगिस्तान और दक्षिणपश्चिम चीन के तिब्बत क्षेत्र में की जा रही है। चीन सेंट्रल टेलिविजन (CCTV) ने पिछले हफ्ते दावा किया था कि PLA की 71वें ग्रुप सेना का HJ-10 ऐंटी-टैंक मिसाइल सिस्टम पूर्वी चीन के जियांगसू प्रांत से गोबी रेगिस्तान पहुंचा है।

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