एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को नामांकन दाखिल किया । इस हाई प्रोफाइल कार्यक्रम के लिए बीजेपी के दिग्गज नेताओं के अलावा एनडीए के समर्थक पार्टियों के लीडर्स भी पहुंचे । मिली जानकारी के अनुसार, कुल २० राज्यों के सीएम इस कार्यक्रम में मौजूद थे । बीजेपी शासित राज्यों के सीएम के अलावा तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव भी नामांकन के दौरान मौजूद थे । पीएम नरेन्द्र मोदी शाह के पहले प्रस्तावक बने, जबकि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी मौजूद थे । वहीं, बीजेपी के सबसे सीनियर नेता लालकृष्ण आडवाणी भी आए । इससे पहले मोदी ने ट्वीट करके कार्यक्रम में पहुंचने की जानकारी दी थी । नामांकन में गुजरात, असम, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, यूपी आदि राज्यों के सीएम पहुंचे । इसके बाद एनडीए दलों की बैठक हुई । नामांकन से पहले सभी नेताओं को संसद लाइब्रेरी बिल्डिंग में इकट्ठा होने को कहा गया था और इसके बाद औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए नेता लोकसभा महासचिव के ऑफिस गए । कोविंद के चार नामांकन पत्र दाखिल किए गए । उनके प्रस्तावक के तौर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, शिरोमणि अकाली दल के मुखिया प्रकाश सिंह बादल और आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्राबाबू नायडू का नाम है । चार सेट के नामांकन पत्र में प्रत्येक में ६० प्रस्तावक और ६० समर्थक हैं । उधर, नामांकन से पहले आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा कि वह नीतिश से अपने फैसले पर फिर से सोचने की अपील करेंगे । लालू ने भरोसा जताया कि मीरा कुमार ही जीतेंगी । बता दें कि कांग्रेस की अगुवाई वाले विपक्ष ने मीरा कुमार को अपना राष्ट्रपति कैंडिडेट बनाया है । खास बात यह है कि चुनाव जीतने के लिए जरूरी संख्याबल एनडीए के पास है । बिहार के सीएम नीतिश कुमार ने एनडीए कैंडिडेट कोविंद के समर्थन देने का ऐलान कर दिया है । इससे विपक्षी एकजुटता को तगड़ा झटका लगा है । दरअसल कोविंद महादलित समुदाय से आते हैं, जिसे नीतिश कुमार की पार्टी जेडीयू राज्य में लुभाने में सफल रही है । नितिश कुमार ने रामनाथ कोविंदना समर्थन करके विपक्ष की तैयारी को झटका दे दिया है । राष्ट्रपति के चुनाव को लेकर अब गरमी है, सभी पार्टिया अपनी अपनी रणनिती तैयार कर चुकी है । राष्ट्रपति के चुनाव मे विपक्ष ने मीरा कुमार को अपना उम्मीदवार बनाने के बाद अब चुनाव निश्चित है । राष्ट्रपति चुनाव से पहेले संमति के सभा प्रयास हुए किन्तु इसमे सफलता नही मिल सकी । राष्ट्रपति के चुनाव १७ जुलाइ के दिन होने हे. जबकि मतों की गीनती की प्रक्रिया २० जुलाई के दिन की जाएगी । एनडीए के उम्मीदवार कोविंद की जीत निश्चित दिख रही है क्योंकि राष्ट्रपति चुनाव के इलेक्टोरल कालेज के ६८ फीसदी वोट एनडीए के पास है । अखिलेश केम्प के कुछ विधायक कोविंद के खिलाफ वोटिंग कर सकते हैं । अभी तक अखिलेश केम्प अनिश्चित हैं ।
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