सार्वजनिक क्षेत्र की एकमात्र विमानन कंपनी एयर इंडिया के निजीकरण का कर्मचारी संघों ने विरोध करने का फैसला लिया है। ऐसा इसलिए क्योंकि कर्मचारियों को उनके वेतन और पेंशन के भुगतान सहित विभिन्न मुद्दों पर अभी भी स्पष्टता नहीं है। मुंबई में विभिन्न यूनियनों के प्रतिनिधियों की बैठक में यह फैसला लिया। इसके अनुसार सभी केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और इंटरनेशनल ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन (आईटीएफ) को निजीकरण के खिलाफ पत्र लिखा जाएगा। इनमें पायलट, चालक दल के सदस्य, इंजीनियर और ग्राउंड स्टाफ समेत अन्य का प्रतिनिधित्व करने वाली यूनियन शामिल हैं। बता दें कि सरकार घाटे में चल रही एयर इंडिया के प्रस्तावित विनिवेश के लिए अंतिम रूपरेखा पर काम कर रही है। एयर इंडिया पर फिलहाल लगभग 58,000 करोड़ रुपए का कर्ज है। इसके अलावा सरकारी विमानन कंपनी का परिचालन घाटे में बना हुआ है। अगस्त में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) ने कहा था कि एयर इंडिया का बकाया ईंधन बिल 5,000 करोड़ रुपये हो गया था, जिसका लगभग भुगतान नहीं किया गया था।
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