महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद को लेकर शिवसेना और भाजपा के बीच खींचतान जारी है। इसी बीच चंद्रकांत पाटिल के नेतृत्व में भाजपा नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल आज महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात करने पहुंचा। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भाजपा विधायक दल के नेता चुने जाने के बावजूद इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा नहीं हैं। इसलिए यह बहुत हद तक संभव है कि भाजपा बैठक में सरकार बनाने का दावा नहीं करेगी। इससे पहले शिवसेना विधायकों की उद्धव ठाकरे के साथ उनके घर मातोश्री में बैठक हुई। शिवसेना फिलहाल 50-50 फॉर्मूले पर अड़ी हुई है। इस बैठक में यह फैसला लिया गया कि सरकार बनाने को लेकर अंतिम फैसला उद्धव ठाकरे ही लेंगे। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस घमासान को लेकर कहा कि जल्द ही कोई फैसला होगा। महाराष्ट्र में देवेंद्र फड़नवीस के नेतृत्व में सरकार बनाई जानी चाहिए। साथ ही उन्होंने दावा किया कि हमें शिवसेना का समर्थन मिलेगा, हम उनके साथ बातचीत कर रहे हैं।
उन्होंने इस दौरान कहा कि आरएसएस और मोहन भागवत जी का इससे कोई संबंध नहीं है। इस दौरान उन्होंने महाराष्ट्र का अगला सीएम बनने की खबरों का खंडन किया। बता दें कि गडकरी की आज आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से नागपुर में मुलाकात होनी है। जानकारी के अनुसार गडकरी और भागवत दोनों पार्टियों से इस गतिरोध को लेकर चर्चा करेंगे।
इसी बीच सुधीर मुनगंटीवार ने कहा है कि हम एक मजबूत और स्थिर सरकार चलाना चाहते हैं, हम शिवसेना के साथ सरकार बनाना चाहते हैं। उद्धव ठाकरे ने स्वयं कहा था कि देवेंद्र फड़नवीस भी शिवसैनिक हैं। मुनगंटीवार से जब पूछा गया कि क्या भाजपा अल्पसंख्यक सरकार बनाने का दावा करेगी? इसे लेकर उन्होंने कहा कि अभी तक हमारी ऐसी कोई योजना नहीं है।
शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा है कि अभी तक महाराष्ट्र में सरकार गठन पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के बीच अभी तक कोई बातचीत नहीं हुई है। उन्होंने यह बात शिवसेना के विधायक की उद्धव ठाकरे से मुलाकात से पहले कही।
इससे पहले यह खबर सामने आई की शिवसेना अपने विधायकों को टूटने के डर से एक रिजॉर्ट में ले जा रही है। संजय राउत ने इसका खंडन किया है। उन्होंने कहा कि पार्टी के विधायक दृढ़ संकल्प रखते हैं और पार्टी के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस वजह से ऐसा करने की जरूरत नहीं है। जो लोग इस तरह की अफवाहें फैला रहे हैं उन्हें पहले अपने विधायकों की चिंता करनी चाहिए। राज्य में शिवसेना का ही मुख्यमंत्री होगा।