पाकिस्तान से काफी समय से सैन्य तख्तापलट की खबरें आ रहीं थी। इन सब के बीच सेना का ऐसा बयान सामने आया है, जिससे लगता है कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान और पाक सेना के बीच शायद सब ठीक नहीं है। दरअसल, पाकिस्तानी सेना इमरान खान के खिलाफ जारी ‘आजादी मार्च’ से उनका कोई लेना देना नहीं है।
पाकिस्तानी सेना ने कहा कि वह इमरान सरकार और विपक्ष के बीच इस मार्च के लिए कोई मध्यस्थता नहीं करेगी। पाक सेना ने कहा आजादी मार्च एक राजनीतिक गतिविधि है। इसका सेना से कोई लेना-देना नहीं है। इस बारे में सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने बयान जारी किया। गफूर ने कहा कि पाकिस्तान सेना राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों का निपटारा करने में व्यस्त थी। सेना JUI-F की आजादी मार्च जैसी राजनीतिक गतिविधियों के कारण फैल रही अस्थिरता को कम करने में लगी हुई थी।
इस दौरान गफूर से पूछा गया कि क्या सेना प्रमुख पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेतृत्व में चल रही वार्ता में मध्यस्थता करेंगे या नहीं? इसके जवाब में उन्होंने कहा, हम राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा संबंधी मामलों में व्यस्त हैं। हम इन आरोपों का जवाब देना चाहते हैं। पाकिस्तान में पिछले 6 दिनों से आजादी मार्च जारी है। इस मार्च के माध्यम से मौलान फजलुर रहमान इमरान खान का इस्तीफा मांगना चाहते हैं।
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