भारतीय सेना ने शनिवार को उन खबरों का खंडन कर दिया जिसमें कहा जा रहा था कि चीन सीमा पर बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास किया जा रहा है। सेना के सूत्रों के अनुसार जब सेना से चीन सीमा पर सैन्य अभ्यास के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, इस तरह की खबरें निराधार हैं और उन्हें बताया गया है कि उनका अनुमान गलत है। पहले इस तरह की खबरें थीं कि भारत अरुणाचल प्रदेश में हिम-विजय सैन्य अभ्यास कर रही है। जिसे लेकर चीन ने कड़ी आपत्ति जताई है। चीन ने यह आपत्ति ऐसे समय पर जताई है जब अगले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच चेन्नई में दूसरी अनौपचारिक बैठक होने वाली है।
चीन ने इस सैन्य अभ्यास को लेकर कहा था कि इससे दोनों देशों के बीच होने वाली अनौपचारिक बैठक पर असर पड़ सकता है। हालांकि भारतीय अधिकारियों ने उन्हें बताया था कि अभ्यास वास्तविक नियंत्रण रेखा से 100 किलोमीटर दूर हो रहा है। अब इसे लेकर सेना ने स्पष्टीकरण दिया है। पूर्वी कमान द्वारा बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास को लेकर मीडिया के सवाल के जवाब में सेना ने कहा, सर्दी शुरू होने से पहले और सर्दी के बाद के महीनों के लिए तैयारियां की जाती हैं। यह एक सामान्य प्रक्रिया है।
पूर्वी कमान में इस तरह का सैन्य अभ्यास किया जाता है। हाल ही में 17 कॉर्प्स की स्थापना की है। 17 कॉर्प्स भारतीय सेना की एकमात्र माउंटेन स्ट्राइक कोर है। इसके जवान पर्वतीय क्षेत्र में युद्धाभ्यास करेंगे। ऊंची पर्वत चोटियों के मौसम अनुसार जवानों को ढालने के लिए इस तरह के सान्य अभ्यास किए जाते हैं। सैनिकों को नियमित तौर पर ऊंचाई में युद्ध का प्रशिक्षण दिया जाता है।
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