भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आज मौद्रिक नीति समीक्षा के दौरान रेपो रेट में 0.25 फीसदी कटौती की है। आरबीआई के इस फैसले के साथ अब रेपो रेट 5.40 फीसदी से घटकर 5.15 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 4.90 फीसदी हो गया है। इससे घर, कार और पर्सनल लोन सहित सभी प्रकार के लोन सस्ते हो जाएंगे। छह सदस्यीय एमपीसी की बैठक की अध्यक्षता आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने की। बता दें कि वर्तमान में आरबीआई बैंकों को 5.40 फीसदी की दर पर ब्याज देता है।
रेपो रेट में कटौती के साथ ही बैंक भी अब कम ब्याज दर पर होम लोन, कार लोन सहित अन्य लोन ऑफर कर पाएंगे। आरबीआई के इस फैसले का फायदा उन लोगों को मिलेगा जिनकी होम या ऑटो लोन की ईएमआई चल रही है। दरअसल, आरबीआई के रेपो रेट कटौती के बाद बैंकों पर ब्याज दर कम करने का दबाव बनेगा। इससे लोगों को लोन सस्ते में मिल जाएगा। यहां बता दें कि इस बार रेपो रेट कटौती का ग्राहकों को तुरंत फायदा मिलने की उम्मीद है। दरअसल, आरबीआई ने सभी बैंकों को होम लोन, पर्सनल लोन और एमएसएमई सेक्टर को सभी नए फ्लोटिंग रेट वाले लोन को रेपो दर सहित बाहरी मानकों से जोड़ने का निर्देश दिया है। इससे रेपो रेट में कटौती का लाभ कर्ज लेने वाले उपभोक्ताओं तक जल्दी पहुंच सकेगा।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास पहले ही यह संकेत दे चुके हैं कि महंगाई दर में कमी को देखते हुए रेपो रेट में नरमी की गुंजाइश बनी हुई है। बीते दिनों शक्तिकांत दास ने कहा कि कंपनी टैक्स में कटौती के साथ विभिन्न वस्तुओं पर जीएसटी रेट में कटौती को देखते हुए सरकार के लिए राजकोषीय गुंजाइश सीमित है। ऐसे में उम्मीद है कि केंद्रीय बैंक अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए रेपो रेट पर राहत दे।
रेपो रेट वह दर होती है जि सपर बैंकों को आर.बी.आई. कर्ज देता है। बैंक इस कर्ज से ग्राहकों को लोन मुहैया कराते हैं। रेपो रेट कम होने का अर्थ है कि बैंक से मिलने वाले तमाम तरह के कर्ज सस्ते हो जाएंगे। यह वह दर होती है जिस पर बैंकों को उनकी ओर से आर.बी.आई. में जमा धन पर ब्याज मिलता है। रिवर्स रेपो रेट बाजारों में नकदी की तरलता को नियंत्रित करने में काम आती है।