देश के विकास के लिए प्लान तैयार करने वाली संस्था नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा है कि आर्थिक विकास को तेजी देने के लिए कई ऐलान के बाद सरकार नए संरचनात्मक सुधारों की तैयारी में है, जो इकॉनमी को लंबे समय के लिए गति देंगे । इंडिया इकनॉमिक समिट में गुरुवार को कांत ने कहा, सरकार अब तेजी से सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में विनिवेश कर रही है और संपत्ति का मुद्रीकरण कर रही है । इसके पीछे विचार निवेशकों को ब्राउनफील्ड प्रॉजेक्ट्स में लाने की है, क्योंकि कुछ क्षेत्रों में सरकार का संचालन और प्रबंधन खराब है । वित्त वर्ष २०१९-२० की पहली तिमाही में जीडीपी विकास दर ५÷ तक सिमटने के बाद सरकार की ओर से की गई घोषणाओं का जिक्र करते हुए कांत ने कहा कि कॉर्पोरेट टैक्स में कमी सरकार की ओर से बड़ा बूस्टर है अब प्राइवेट प्लेयर्स को अपने हिस्से का काम करना है । अमिताभ कांत ने कहा कि पिछले ५ साल में देश की अर्थव्यवस्था ७.५ प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ी है । २०१७-१८ की अंतिम तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर ८.१ प्रतिशत थी, जो २०१९-२० की अप्रैल-जून तिमाही में घटकर ५÷ रह गई है । उन्होंने कहा, रिजर्व बैंक और सरकार ने देश को फिर ऊंची वृद्धि की राह पर ले जाने के लिए कई कदम उठाए हैं । इस साल केंद्रीय बैंक अभी तक प्रमुख नीतिगत दर रेपो में १.१० प्रतिशत की कटौती कर चुका है । लेकिन मौद्रिक नीति की अपनी सीमाएं हैं । इसलिए सरकार ने भी अपनी ओर से कई उपाय किए हैं । नीति आयोग के सीईओ ने कहा, मुझे लगता है कि अभी कई और संरचनात्मक सुधार किए जाएंगे । सरकार सार्वजनिक क्षेत्र में विनिवेश को आगे बढ़ा रही है । मैं आपसे कह सकता हूं कि हमने संपत्तियों के मौद्रिकरण के लिए बड़ा कदम आगे बढ़ाया है । हमारा मानना है कि नई परियोजनाओं के बजाय निवेशक पहले से चल रही परियोजनाओं में निवेश करने के लिए आगे आएं ।
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