केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को मेडिकल एजुकेशन के विस्तार, गन्ना किसानों के लिए एक्सपोर्ट सब्सिडी समेत कई बड़े फैसलों को मंजूरी दी । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की हुई बैठक में २४,००० करोड़ रुपये खर्च से ७५ नए मेडिकल कॉलेज खोले जाने को मंजूरी दी । ये मेडिकल कॉलेज अगले ३ साल में खोले जाएंगे और इसके लिए उन इलाकों को प्राथमिकता दी जाएगी जहां मेडिकल कॉलेज नहीं हैं । इसके अलावा गन्ना किसानों को एक्सपोर्ट सब्सिडी देने का फैसला लिया गया है जो सीधे किसानों के खाते में भेजी जाएगी । कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर और पीयूष गोयल ने मीटिंग में लिए गए फैसलों की जानकारी दी । जावडेकर ने बताया, ‘कैबिनेट मीटिंग में २४,००० करोड़ रुपये खर्च से ७५ नए मेडिकल कॉलेज खोले जाने को मंजूरी दी गई । इससे १५,७०० नई मेडिकल सीटें बनेंगी । जिन क्षेत्रों व जिलों में मेडिकल कॉलेज नहीं हैं, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी । पिछले ५ साल में मेडिकल पीजी और एमबीबीएस की ४५ हजार सीटें बढ़ाई गई हैं । पिछले ५ साल में ८२ मेडिकल कॉलेज मंजूर किए गए और अब अगले ३ साल में ७५ नए मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे । दुनिया में मेडिकल एजुकेशन का ऐसा विस्तार कहीं नहीं हुआ है । ग्रामीण इलाकों में भी डॉक्टरों की उपलब्धता ज्यादा होगी । जावडेकर ने बताया, गन्ना किसानों को ६० लाख मीट्रिक टन शक्कर निर्यात करने के लिए एक्सपोर्ट सब्सिडी देने का फैसला लिया गया है । ६,२६८ करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाएगी । यह राशि सीधे किसान के खाते में जाएगी । इससे लाखों गन्ना किसान लाभान्वित होंगे । गन्ना किसानों को अब नुकसान नहीं होगा । उन्होंने बताया कि देश में १६२ लाख मीट्रिक टन शक्कर का सरप्लस स्टॉक है । इसमें से ४० लाख मीट्रिक टन बफर स्टॉक रखा गया है । केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि कैबिनेट मीटिंग में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) से जड़े नियमों और प्रावधानों के उदारीकरण के लिए भी कई फैसले लिए गए । उन्होंने कहा, २०१४ से २०१९ के बीच २८६ अरब डॉलर का रेकॉर्ड स्नष्ठढ्ढ भारत आया है । उसके पहले के ५ सालों में यह आंकड़ा १८९ अरब डॉलर था । २०१८-१९ के अंतरिम आंकड़ों में ६४ अरब डॉलर का स्नष्ठढ्ढ आया । स्नष्ठढ्ढ के उदारीकरण और लचीलेपन की दिशा में काम किया जा रहा है । गोयल ने कहा कि भारत को निवेश का आकर्षक केंद्र बनाने के लिए कैबिनेट मीटिंग में कुछ अहम फैसले लिए गए । कोल माइनिंग में १०० प्रतिशत एफडीआई को मंजूरी दी गई है । भारत को मैन्यूफैक्चरिंग हब के तौर पर बनाने का मौका है । उन्होंने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट मैन्यूफैक्चरिंग में १०० प्रतिशत स्नष्ठढ्ढ को मंजूरी दी गई है । प्रिंट मीडिया की तरह ही अब डिजिटल मीडिया में भी २६ प्रतिशत एफडीआई को मंजूरी दी गई है ।
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