१५ अगस्त पुरे भारत में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। पीएम से लेकर सीएम और सांसद से लेकर विधायको ने तिरंगे को सलामी दी, शायद एक विधायक को छोड़ कर। यह विधायक है एनडीए के घटक दल जेडीयू का, यानि की बिहार के सुशासन बाबु मुख्यमंत्री नितिशकुमार की पार्टी का। नाम है सरफुद्दीन और चुनाव क्षेत्र है शिवहर। १५ अगस्त के दिन सार्वजनिक मंच से आला अफसर से लेकर हर कोई तिरंगे को आन बान और शान से सलामी दे रहे थे तब नितिशकुमार जी जिस में सहयोगी दल के रूप में भागीदार है उस एनडीए के विधायक अपने गाल पर हाथ रख कर मानो सोच रहे हो की तिरंगे को सलामी दू या न दू….सलामी दू या न दू….! और आखिर सलामी नहीं दी। उनकी ये शर्मनाक हरकत की फोटो वायरल हो गई। लोगो ने सोश्यल मिडिया पर उन्हें ट्रोल भी किया। लेकिन सुशासन बाबु कहे जानेवाले सीएम की पार्टी की ओर से इस विधायक के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की गई।
चुनाव में जितने के बाद और विधानसभा सदन में बैठने से पहले विधायक को संवैधानिक के नाम पर शपथ दिलाई जाति है प्रोटेम अध्यक्ष के द्वारा। उस वक्त जेडीयू के इस विधायक ने भारत के ही संवैधानिक के नाम पर शपथ ग्रहण किया होंगा। तो क्या भारत का तिरंगा इसके बाहर है….? भारत का संवैधानिक और भारत का राष्ट्र धवजं क्या एक दुसरे से अलग है क्या….? इस तिरंगे के लिए विधायकजी जिस धर्म से है उस धर्म के भी कई लोगो ने बलिदान और योगदान दिया है। कम से कम उन्हें याद कर वे सलामी देते तो भी ये कौम की बड़ी सेवा होती…! लेकिन उन्हों ने किसी की सेवा नहीं की। न कौम की या नीतीशजी की। इतना ही नहीं वे बदनाम हो गये। एक सवाल, यदि ऐसी कोई घिनौनी हरकत अन्य दल जो की एनडीए में नहीं है उन्होंने की होती तो…? सोचिये उसकी क्या हालत कर दी जाती भाजपा द्वारा….!!
उनके खिलाफ केस दर्ज हो जाता। राष्ट्र ध्वज के अवमानना का केस हो जाता। जैसे सिधु को परेशान किया गया था पाकिस्तान जाने के लिए। ऐसे ही उसकी पतली हालत कर दी जाती। लेकीन रुकिए साहिबान, ये विधायक सत्ता से जुड़े है। बिहार में जिसकी सता है उस दल के है। और एनडीए सरकार में उसकी पार्टी सत्ता के साथ है। इसलियें ये विधायक कोरा ही कोरा निकल गया है। क्या ऐसा तो नहीं…? यदि नहीं तो फिर उनके खिलाफ कड़ी और बड़ी कारवाई होनी चाहिए, ताकि कोई भी आम आदमी या विधायक तिरंगे का अवमानना न करे। बिहार में सार्वजनिक मंच से सभी झंडे को सलामी दे रहे है तब ये महाशय, में क्या करू….में क्या करू….की रट लगाते नजर आये,,,! क्या उन्हें उस वक्त शर्म नहीं आयी ज़रा सी भी…? बिहार सरकार और केंद्र सरकार उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कारवाई करे। उन्हें पार्टी से बाहर कर देना चाहिए। जिसके दिल में भारत के तिरंगे के लिए ज़रा भी मान सन्मान नहीं उसका जेडीयू के अंगने में क्या काम है….? क्या उनके दिल में कोई ओर किसी का झंडा लहरा रहा था…? ऐसे विधायक जेडीयू और एनडीए को मुबारक….!