पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने कुलभूषण जाधव केस में अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के फैसले का स्वागत किया । जेटली ने फैसले को भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत बताते हुए अपने ब्लॉग में फैसले के कानूनी पहलुओं की भी चर्चा की । उन्होंने लिखा कि अब पाकिस्तान का अगला कदम क्या होता है इस पूरे विश्व की नजर भी रहेगी । जेटली ने यह भी कहा कि अब पाकिस्तान को आईसीजे ने एक मौका दिया है कि वह अपनी गलतियों से सबक ले । फैसले के तुरंत बाद जेटली ने मुकदमा लड़नेवाले वकील हरीश साल्वे को भी जीत की बधाई टि्वटर पर दी थी । अपने ब्लॉग में जेटली ने लिखा कि सरसरी तौर पर देखने पर यह फैसला भारत की जीत है । पूर्व वित्त मंत्री ने लिखा, अगर फैसले की ऊपरी तौर पर व्याख्या की जाए तो आईसीजे में भारत की जीत हुई है । हालांकि, पाकिस्तान द्वारा इसे अपनी जीत बताने की हरकत बहुत से लोगों को हैरान कर रही है । पाकिस्तान के विचार के समर्थक अपने पक्ष में आया फैसला बताने की हिमाकत कर रहे हैं । इस विचार के पीछे तर्क दिया जा रहा है कि अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने जाधव को रिहा नहीं किया और केस अब फिर सैन्य अदालत में चलेगा जो पूरी तरह से राज्य प्रायोजित है । जेटली ने फैसले के विभिन्न कानून पहलुओं पर अपने लेख में चर्चा की है । इसमें खास तौर पर उन्होंने काउंसलर उपलब्ध कराने संबंधी हिस्से का जिक्र किया । बीजेपी के वरिष्ठ नेता और वकील जेटली ने लिखा, ‘फैसले के पैराग्राफ १४६ में काउंसलर सुविधा बहाल किए जाने की बात कही गई है ।
उन्होंने लिखा कि वियना कन्वेंशन के तहत काउंसलर की सुविधा नहीं देना ही न्याय के मूलभूत सिद्धांत का उल्लंघन है । बीजेपी नेता ने लिखा, ‘आईसीजे में पाकिस्तान ने कस्टडी में कन्फेशन को ही बतौर सबूत पेश किया । कोर्ट ने विशेष तौर पर जिक्र किया है कि जाधव के केस की सुनावई किसी नए फोरम में हो और अनिवार्य तौर पर यह सैन्य अदालत में नहीं हो सकती । पूर्व वित्त मंत्री ने फैसले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की बड़ी जीत बताई । उन्होंने लिखा, पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में बुरी तरह से मुंह की खा चुका है । आम मासूम नागरिकों को दोषी करार देने की उसकी चाल बेनकाब हो गई है ।
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