प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने सभी मंत्रियों से कहा है कि उन्हें सुबह ९ः३० बजे तक ऑफिस पहुंच जाना चाहिए और घर से काम करने से परहेज करना चाहिए ताकि दूसरों के लिए अच्छा उदाहरण प्रस्तुत हो सकें । पीएम मोदी ने यह भी कहा कि ४० दिन के संसद सत्र के दौरान कोई बाहरी दौरा न करे । पीएम मोदी ने खुद का उदाहरण देते हुए कहा कि जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब अधिकारियों के साथ समय पर ऑफिस पहुंच जाते थे । बता दें कि मंत्रिपरिषद की पहली बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री मोदी कर रहे थे । उन्होंने अपने मंत्रियों से कहा कि वे नए चुने गए सांसदों से भी मिलें क्योंकि सांसद और मंत्री में बहुत बड़ा अंतर नहीं होता है । सूत्रों के मुताबिक उन्होंने मंत्रियों से कहा कि पांच साल का अजेंडा बनाकर काम की शुरआत करें और इसका प्रभाव १०० दिन में नजर आ जाना चाहिए ।
इस बैठक में मंत्री परिषद ने मार्च २०१९ के उच्च शिक्षण संस्थानों के आरक्षण ऑर्डिनेंस को रिप्लेस करने के लिए बिल को मंजूरी दी जिससे ७००० शिक्षकों की भर्ती की जा सके । एक अधिकारी ने बताया, शिक्षा क्षेत्र में बड़े सुधार की ओर जोर दिया गया है और इसी के मद्देनजर इस बिल को पेश करने को मंजूरी दी गई है । इससे आरक्षण की नई व्यवस्था के अनुरूप सीधी भर्ती से ७००० से अधिक मौजूदा रिक्तियों को भरा जा सकेगा । मानव संसाधन विकास मंत्रालय के मुताबिक, इस कदम का मकसद शिक्षा के क्षेत्र में सुधारों पर जोर देते हुए, इसे समावेशी बनाने और विभिन्न श्रेणियों के लोगों की आकांशाओं को ध्यान रखना है । यह विधेयक केंद्रीय शैक्षिक संस्थान (शिक्षक संवर्ग में आरक्षण) अध्यादेश, २०१९ का स्थान लेगा । मंत्रालय ने बताया कि मंत्रिमंडल के निर्णय से अनुसूचित जातियों/अनुसूचित जनजातियों/सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वगोर्ं से संबंधित लोगों की पुरानी मांगों का हल होगा और संविधान के तहत उनके अधिकार सुनिश्चित होंगे । इससे सामान्य वर्ग आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए भी १० प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित होगा ।
પાછલી પોસ્ટ