उत्तराखंड की व्यास घाटी से होकर गुजरने वाली ऐतिहासिक कैलाश मानसरोवर यात्रा की शुरुआत 12 जून से होने जा रही है। इसका पहला जत्था मंगलवार को दिल्ली से रवाना हो गया है। विदेश मंत्री डॉ. सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू भवन में उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे से होकर जाने वाले यात्रियों के पहले जत्थे को शुभकामनाओं के साथ विदाई दी। उन्होंने तीर्थयात्रियों के लिए कामना करते हुए कहा कि उनकी यात्रा पूरी तरह से रक्षित और अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभव से परिपूर्ण हो। उन्होंने यात्रियों को सलाह देते हुए कहा कि वह जत्थे के साथ जाने वाले संपर्क अधिकारियों की सुरक्षा सलाह का पूरी तरह से पालन करें। यात्रा का मार्ग जितना कठिन है, उतना ही मनोरम भी है। यात्रियों को निश्चित रूप से यात्रा में उनकी कल्पना से कहीं अधिक रोमांचकारी और आध्यात्मिक अनुभव की प्राप्ति होगी।
विदेश मंत्री ने बताया कि इस साल कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए 3000 से अधिक आवेदन आए थे, जिनमें से 1580 लोगों को जाने का अवसर मिलेगा। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि लोगों में इस तीर्थस्थल के लिए रुचि लगातार बढ़ रही है। बता दें कि जयशंकर ने यात्रा के उत्तम प्रबंधन के लिए उत्तराखंड, दिल्ली और सिक्किम की राज्य सरकारों को धन्यवाद दिया।