भारतीय जनता पार्टी के साथ रिश्तों में तनातनी के बीच शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के अयोध्या और काशी जाने के ऐलाना के बाद महाराष्ट्र में राजनीति गरमा गई है । शिवसेना ने मुंबई के कई इलाकों में चलो अयोध्या, चलो वाराणसी के पोस्टर लगाए है । माना जा रहा है कि ठाकरे ने अयोध्या और काशी की यात्रा का ऐलान बीजेपी पर दबाव बढ़ाने के लिए किया है । ठाकरे की कोशिश है कि लोकसभा चुनाव से पहले हिंदुत्व का कार्ड खेलकर बीजेपी को उसी के हथियार से मात दी जाए । इससे पहले पार्टी के मुखपत्र सामना को दिए इंटरव्यू में शिवसेना प्रमुख ने कहा था कि वह हिंदुओ और अपने शिवसैनिकों के लिए आयोध्या और काशी जाएंगे और इसकी घोषणा जल्द की जाएगी । राम मंदिर के मुद्दे पर बीजेपी को घेरते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह इस मुद्दे का इस्तेमाल एक बार फिर से चुनाव के लिए करना चाहती है । उन्होंने कहा कि कुछ दिनों पहले बीजेपी की ओर से कहा गया था कि लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा । ठाकरे ने कहा कि बीजेपी के इस बयान से साफ होता है कि वह इस मुद्दे का इस्तेमाल चुनाव में करना चाहती है । उन्होंने कहा, भगवान राम का निर्वासन अभी खत्म नहीं हुआ है । ठाकरे ने कहा कि वह जल्द ही अयोध्या और वाराणसी जाएंगे । यह उत्तर भारत में उनके लाखों कार्यकर्ताओं की इच्छा है । वे चाहते थे कि उनके दिवंगत पिता बाबा साहब ठाकरे अयोध्या आएं । शिवसेना ने राम मंदिर के लिए बड़ा बलिदान दिया था । उन्होंने कहा कि वह वाराणसी जाएंगे और गंगा आरती में हिस्सा लेंगे । इस दौरान वह देखेंगे कि वहां गंगा में कितनी सफाई हुआ है । इसके अलावा वह अयोध्या जाएंगे और राम लला के दर्शन करेंगे । मंदिर के अंदर प्रार्थना करेंगे । अयोध्या में एक जनसभा को संबोधित करेंगे । इस पोस्टर पर पार्टी के नेता संजय ने कहा कि ठाकरे आयोध्या जाएंगे ।
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