अब खादी उत्पादों के छोटे उद्योग लगाने में राज्य सरकार लोगों की मदद करेगी । इसके लिए दिए जाने वाले २५ लाख रुपये तक के कर्ज पर ५ फीसदी की सब्सिडी दी जाएगी । मंगलवार को कैबिनेट ने खादी एवं ग्रामोद्योग विकास एवं सतत स्वरोजगार प्रोत्साहन नीति को मंजूरी दे दी । सरकार को उम्मीद है कि इस नीति के जरिए पांच साल के भीतर एक लाख लोगों को रोजगार मिलेगा । ग्रामोद्योग शुरू करने पर कर्ज की दर सब्सिडी के साथ-साथ कई दूसरी रियायतें भी योजना के तहत दी जाएगी । खादी एवं ग्रामोद्योग के उत्पाद अब स्टोर्स के साथ-साथ ऑनलाइन भी मिलेंगे । इसके लिए भी पॉलिसी में व्यवस्था की गई है । उत्पादों का डेटाबैंक भी विभाग तैयार करेगा । खादी एवं ग्रामोद्योग की दुकानें युवाओं की भी पसंद बनें, इसके लिए प्रोडक्ट की आकर्षक पैकेजिंग होगी और नए सिरे से प्रॉडक्ट की ब्रैंडिंग की जाएगी । आसामी पट्टेटारों और भूमिधरों के लिए अपनी कृषि भूमि या जोत को पट्टे पर देना आसान होगा । इसके लिए यूपी कैबिनेट ने राजस्व संहिता में संशोधन को मंजूरी दे दी । संशोधित प्रस्ताव में १५ वर्ष तक पट्टे पर दिए जाने की व्यवस्था की गई है । इसे विधेयक के रूप में जल्द विधानसभा में पेश किया जाएगा । राजस्व संहिता की धारा ९४ से ९७ तक कृषि भूमि को पट्टे पर देने की व्यवस्था दी गई है । इसके अंतर्गत मंदबुद्धि व्यक्ति के अभिभावक, निःशक्त, वक्फ या देवस्थान, विधवा या अविवाहित स्त्री, तलाकशुदा या परित्यक्ता महिला, कोई अवयस्क, पैंतीस वर्ष से कम उम्र का व्यक्त जो अध्ययन कर रहा हो और उसके पिता की मृत्यु हो चुकी है, उन्हें अफनी जमीन पट्टे पर देने का अधिकार है । सेना में कार्यरत व्यक्ति भी इस सूची में शामिल है । हालांकि, इसके अंतर्गत एक बार में मात्र तीन साल के लिए ही जमीन पट्टे पर दी जा सकती थी । इस समय सीमा को बढ़ाकर १५ साल करने का प्रस्ताव रखा गया है ।
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