विदेशों में कथित तौर पर अघोषित निवेश से संबंधी पनामा पेपर्स की जांच को आगे बढ़ाते हुए आयकर विभाग ने आधा दर्जन से अधिक भारतीय नामों के खिलाफ नए काले धन रोधी अधिनियम के तहत आपराधिक मुकदमें दर्ज किए हैं । इसके साथ ही उसने ऐसी इकाइयों की विदेशो में छिपा कर रखी गई संपत्ति का नए सिरे से मूल्यांकन भी शूरू किया है । अधिकारिक सुत्रों ने इसकी जानकारी दी । सुत्रों ने कहा कि पनामा की विधि सेवा कंपनी की लीक हुई कंप्युटर फाइलों में भारत के जो नाम आए है उनमें से ७ व्यक्तियों और इकाइयों की विदेशों में अघोषित धन-संपत्ति का पता चला है । विभाग ने उनके खिलाफ काला धन (अघोषित विदेशी आय एवं संपत्ति) और कराधान अधिनियम २०१५ के तहत जांच शूरू की है । जांच से जुड़े सुत्रों ने कहा कि कर विभाग ने इन इकाइयों की आय के फिर से मूल्यांकन के आदेश दिए हैं । इसके साथ ही उनके खिलाफ कर विभाग और बैंकिंग अधिकारियों के सामने अपनी विदेश में जमा धन संपत्तियों की जानकारी नहीं देने के आरोप में जल्द ही आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाएगा । अघोषित विदेशी संपत्तियों के ये मामले विदेशों में धन सम्पति छुुपाने के खिलाफ कड़े प्रावधान वाले नए कानून के तहत किए जा रहे पहले मामले है, जहां आपराधिक प्रक्रिया संबंधी प्रावधानो के तहत कार्रवाई की जा रही । इसमें अघोषित विदेशी सम्पति पर १२० प्रतिशत जुर्माने के साथ १० साल तक की कैद का भी प्रावधान है ।