जीएसटी के कारण इस बार धनतेरस पर आभूषण बाजार की चमक फीकी पड़ सकती है । बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक, जीएसटी को लेकर दुविधा रहने के कारण इस धनतेरस आभूषण उद्योग की चमक पिछले साल के मुकाबले कमजोर रह सकती है । हालांकि, कारोबारियों की ओर से ग्राहकों को लुभाने के लिए छूट और मुफ्त उपहार की पेशकश की जा रही है । इंडिया बुलियन और जूलर्स एसोसिएशन के निदेशक सौरभ गाडगिल ने बताया, बाजार की धारणा में सुधार हो रहा है, लेकिन अभी तक इसमें ज्यादा उत्साह नहीं दिखाई दे रहा है । अगर इस साल कुल कारोबार पिछले साल के बराबर या ५ प्रतिशत पर रहता है तो हमें बहुत खुशी होगी । सौरभ पीएनजी जूलर्स के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक भी हैं । उन्होंने आगे कहा कि त्यौहारी मौसम में कीमती धातुओं में तेज खरीदारी देखने को मिलती है, लेकिन वेतन में विलंब, उम्मीद से कम बोनस, प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्डरिंग ऐक्ट (पीएमएलए) से जौहरियों को हटाने के मामले में स्पष्टता की कमी जैसे प्रमुख मुद्दों के कारण इस धनतेरस और दिवाली पर बाजार की धारणा को धक्का लगा है । इसके साथ ही अर्थव्यवस्था में मंदी ने भी बाजार को प्रभावित किया है । ऑल इंडिया जेम्स एंड जूलरी ट्रेड फेडरेशन के चेयरमैन नितिन खंडेलवाल ने भी इसी तरह की बात कही है । उनका कहना है कि पीएमएलए पर सरकार के निर्णय की वजह से कुछ राहत हुई है । हालांकि कम मुद्रा होने के कारण बाजार की धारणा ठंडी पड़ी है । उन्होंने आगे कहा, बाजार की धारणा सुधरनी शुरू हो गई है, लेकिन रफ्तार पकड़ना अभी भी बाकी है । पिछले साल घोषित हुई नोटबंदी के प्रभाव के कारण बाजार में कम मुद्रा चलन में है । इसी वजह से इस बार धनतेरस और दिवाली के दौरान खरीदारों की संख्या घटी है । इस साल कारोबार पिछले वर्ष के बराबर या उससे कम रहने की संभावना है । खंडेलवाल ने बताया कि ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए व्यवसायी मुफ्त ऑफर और छूट की पेशकश कर रहे हैं ।
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