भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने अंतरराष्ट्रीय रोमिंग सिम और वैश्विक कॉलिंग कार्ड विदेश यात्रा के दौरान विफल होने की स्थिति में सेवाप्रदाताओं पर ५००० रुपये२ जुर्माना लगाने का प्रस्ताव किया हैं जो मुआवजे के तौर पर ग्राहक को मिलेगा । ट्राई का प्रस्ताव है कि यह प्रीपेड और पोस्ट पेड दोनों तरह के ग्राहकों को मिलेगा । दूरसंचार विभाग को भेजे अपने सुझाव पत्र में ट्राई ने कहा है कि प्रीपेड ग्राहक को अतिरिक्त तौर पर वह सारा पैसा भी वापस मिलना चाहिए जो वह सेवाप्रदाता को पहले ही भुगतान कर चुका हैं । नियामक की सिफारिशें भारत में अंतरराष्ट्रीय रोमिंग सिम कार्ड और विदेशी ओपरेटरों के वैश्विक कॉलिंग कार्ड के किराए और खरीद से संबंधित हैं । सेवाओं का न चलना, खराब नेटवर्क कवरेज, हैंडसेट में सपोर्ट न करना आदि मामले में मुआवजे की सिफारिश की गई हैं । जुर्माना और रिफंड ग्राहक को १५ दिनों के अंदर किया जाना चाहिए और कार्ड का उपयोग नहीं करने की रिपोर्ट करनी होगी । इसके साथ ही ट्राई ने उन कम्पनियो के परमिट रद्द करने का सुझाव दिया हैं । जिनके १० फीसदी कार्ड काम करने कि स्थिति में नहीं हैं । ट्राई ने यह भी सिफारिश की है कि वैश्विक कॉलिंग कार्ड और इंटरनेशनल सिम कार्ड की खरीद केवल डिजिटल मोड से ही की जाए जिसमें नेट बैकिंग, क्रेडिट या डेबिट कार्ड और ई-पर्स शामिल हैं । नियामक द्वारा कई उपयोगकर्ता की शिकायतें मिलने के बाद नियामक द्वारा शुरु की गई एसएमएस आधारित सर्वेक्षण के बाद नियामक और कम्पनी के बीच हुई चर्चा के बाद यह पता चला कि ऐसी सेवाओं का उपयोग करने वाले लगभग आधे उपभोक्ताओं ने दावा किया कि यह आंशिक रुप से काम करता है या बिल्कुल भी काम नहीं करता हैं ।