गुजरात राज्य के बेरोजगार युवकों, आशावर्कर, आंगणवाडी बहनों, किसानों, कॉन्ट्राक्ट और आउटसोर्स कर्मचारियों के प्रकरण में पहले राज्य सरकार ने योग्य निराकरण लाने का आश्वासन का पालन नहीं होने पर और यह सभी लोगों के पेन्डिंग प्रश्नों का समाधान नहीं होने पर गुजरात जन अधिकार मंच द्वारा १६ अक्टूबर तक का अल्टिमेटम दिया गया है । यदि सरकार द्वारा १६ तारीख तक में तुरंत निर्णय नहीं लिया गया तो, १७ अक्टूबर को गुजरात जन अधिकार मंच के नेतृत्व के तहत गांधीनगर में जन वेदना महासम्मेलन आयोजित किया जाएगा । जिसमें राज्यभर में हजारों बेरोजगार युवकों, आशावर्कर, आंगणवाडी बहनों, किसानों, कॉन्ट्राक्ट -आउटसोर्स कर्मचारियों सहित के लोग शामिल होंगे यह गुजरात जन अधिकार मंच के प्रदेश अध्यक्ष प्रवीण राम और शहर प्रमुख हितेश गुप्ता ने यहां बताया था । यदि गुजरात सरकार बेरोजगार युवकों, आशावर्कर, आंगणवाडी बहनों, किसानों, कॉन्ट्राक्ट और आउटसोर्स कर्मचारियों के मुद्दे पर हमारे आंदोलन बाद भी सकारात्मक निर्णय लेकर इसे लागू नहीं करे तो राज्य के यह बेरोजगार युवकों, आशावर्कर, आंगणवाडी बहनों, किसानों और कॉन्ट्राक्ट कर्मचारियों सहित के लोग आगामी गुजरात विधानसभा चुनाव में गुजरात सरकार विरूद्ध मतदान करके अपनी नाराजगी व्यक्त करेंगे यह उन्होंने बताया था । गुजरात जन अधिकार मंच के प्रदेश अध्यक्ष प्रवीण राम और शहर प्रमुख हितेश गुप्ता ने आगे बताया था कि, कॉन्ट्राक्ट कर्मचारियों के लिए समान काम, समान वेतन की नीति अपनाकर इसे लागू करे, किसानों के लिए ५०० मीटर का क्षेत्र इकोजोन और उनकी लोन माफी की मांग, आशावर्कर और आंगणवाडी बहनों को उनके काम के अनुसार वेतन, बेरोजगार युवकों को तुरंत रोजगार, फीक्स वेतन प्रथा स्थायी स्तर बंद किया जाए, स्थायी कर्मचारियों को पुरानी पेन्शन योजना लागू की जाए सहित के आश्वासन पहले खुद गुजरात सरकार द्वारा दी गई थी लेकिन इसे एक वर्ष बीत जाने के बाद भी सरकार द्वारा इसका पालन नहीं किया गया है ।