गुजरात विधानसभा की दिसम्बर महीने में आयोजित चुनाव के लिए केन्द्रीय चुनाव आयोग द्वारा ७६ हजार से ज्यादा वीवीपेट मशीन आवंटन कराये गये है । जिसमें से करीब ४६ हजार वीवीपेट मशीन तो ब्रान्ड न्यु होंगे । इसके साथ-साथ इस बार विधानसभा चुनाव में मतदान के दौरान २००६ पहले के ईवीएम इस्तेमाल में नहीं लिए जायेंगे ऐसा भी केन्द्रीय चुनाव आयोग ने निर्णय किया है । यानी कि विधानसभा चुनाव में २००६ पहले के ईवीएम चुनाव में नहीं इस्तेमाल होंगे । देश में गोवा बाद गुजरात ऐसा दूसरा राज्य बनेगा जहां, विधानसभा चुनावों में ईवीएम मशीन के साथ-साथ वीवीपेट मशीन का उपयोग होगा । गुजरात विधानसभा चुनावों में पहलीबार वीवीपेट मशीन का उपयोग होने जा रहा है । सामान्य जनता के मन में वीवीपेट यानी क्या यह समझने का स्वाभाविक प्रश्न पैदा हो गया है । वीवीपेट यानी वोटर वेरिफाइड पेपर ओडिट ट्रेइल- सरल शब्दों में समझे तो मतदाता ने अपना मत दिए होंगे वह वीवीपेट मशीन में एक प्रिन्ट होकर चौरस छोटे बॉक्स में दिखाई देंगे । प्लास्टिक के काच में से मतदाता अपना मत देख सके इसके लिए सात सैकन्ड तक यह स्लीप ऐसा का ऐसा ही रहेगा और बाद में यह वीवीपेट मशीन कट होकर वीवीपेट मशीन के बॉक्स में अंदर कट होकर अपने आप पड़ेंगे और सुरक्षित रहेंगे । वीवीपेट मशीन का सबसे लाभ यह है कि, मतदाता खुद देख सकेंगे और जांच कर सकेंगे उसने कहां पार्टी और उम्मीदवार को मत दिया है । वीवीपेट मशीन की स्लीप में मतदाता ने जो उम्मीदवार को मत दिया होगा उसका नाम और इसकी पार्टी का चिह्न आ जाएगा । गुजरात राज्य की १८२ विधानसभा सीटों के ५०१२८ पोलिग स्टेशनों पर इस बार पहलीबार वीवीपेट मशीन का उपयोग होगा । चुनाव आयोग ने पहले से ही स्पष्ट कर दिया है कि, जो मतदान केन्द्रों पर ईवीएम में विवादित संजोग खड़े होंगे ऐसी परिस्थिति में वीवीपेट मशीन की स्लीप की गिनती की जायेगी । केन्द्रीय चुनाव आयोग द्वारा गुजरात विधानसभा चुनावों में मतदाताओं में वीवीपेट मशीन के बारे में जागरूकता आये इस उद्देश्य से आगामी दिनों में राज्य के हरएक जिलों में और गांव-गांव वीवीपेट मशीन से तैयार विशेष मोबाइल डेमोन्स्ट्रेशन वान चलायी जायेगी ।