ऑल इंडिया मुस्लिम वूमेन पर्सनल लॉ बोर्ड ने उच्चतम न्यायालय द्वारा रोक के बावजूद एक साथ लगातार तीन बार तलाक बोलकर पत्नी के साथ रिश्ता खत्म करने का एक ताजा मामला सामने आने पर चिंता जाहिर करते हुए न्यायालय से अनुरोध किया है कि वह इसकी सजा तय करे । बोर्ड ने कहा है कि अपनी मांग को लेकर वह न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगा । बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अम्बर ने आज कहा कि उच्चतम न्यायालय ने कल ही तीन तलाक को असंवैधानिक घोषित करते हुए उस पर रोक लगायी, लेकिन कल ही मेरठ में एक गर्भवती महिला को उसके पति ने तलाक तलाक तलाक बोला और अपना रिश्ता खत्म कर लिया । अब सवाल यह है कि ऐसा करने वालों को कौन सी सजा दी जाएगी । उन्होंने गुजारिश की कि उच्चतम न्यायालय अपने आदेश की अवहेलना करते हुए तीन तलाक देने वालों के खिलाफ सजा भी मुकर्र करे, तभी इस पर रोक लगेगी औैर पीडित को न्याय मिलेगा । बोर्ड इसके लिये याचिका दाखिल करके न्यायालय से अपील भी करेगा । शाइस्ता ने कहा कि अदालत ने जहां संसद से तीन तलाक को लेकर कानून बनाने को कहा है, वहीं सरकार उच्चतम न्यायालय के आदेश को ही कानून बताकर अपनान पल्ला झाड़ती नजर आ रही हैं । कहीं ऐसा न हो कि तीन तलाक का मामला किसी अंजाम पर पहुंचने के बजाय अधर में ही लटक जाए और मुस्लिम महिलाओं के साथ अन्याय जारी रहे । उन्होंने कहा कि यह एहसास हो रहा है कि मौजूदा सुरतेहाल में तीन तलाक को लेकर मुस्लिम समाज सरकार और अदालत के उलझावे में फंस जाएगा । सरकार और उच्चतम न्यायालय इस मामले पर अपना रुख स्पष्ट करें, नहीं तो सड़कों पर आंदोलन किया जाएगा ।
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