देश के कई हिस्सो में इन दिनो तेज बारिश और बाढ से हाहाकार मचा हुआ है । मंगलवार को बंगलुरु में भी तेज बारिश हुई जो कि पिछले १२७ साल की सबसे अधिक बारिश थी । अभी तक अगस्त में ४४.८ मीमी तक बारिश हुई थी, लेकिन मंगलवार की बारिश के बाद यह आंकडा १२७.८ मीमी ( मासिक आंकडा ) तक पहुंच गया । इससे पहले इतनी बारिश १८९० में हुई थी । कहा जा रहा है कि मंगलवार को १८४ मीमी बारिश हुई । बता दे कि जितना अगस्त में बारिश का अनुमान था, उसकी ८८ फीसदी बारिश तो सिर्फ मंगलवार को ही हो गई, सोमवार को देर रात ११ बजे से बारिश शुरु हुई और मंगलवार सुबह ४ बजे तक हुई । इससे पहले २७ अगस्त, १८९० में बंगलुरु में ऐतिहासिक १६२.१ मीमी बारिश हुई थी । तेज बारिश के बाद पुरे शहर में लगभग ४० बोटो को रेसक्यु के लिए लगाया गया है । आपको बता दें कि बिहार, असम, युपी समेत कई राज्यो बाढ का प्रकोप जारी है । नेपाल में हो रही मुसलाधार बारिश की वजह से मोतिहारी के सिकराना नदी में जल स्तर खतरे के निशान से उपर बह रहा है । आसपास के गांव में बाढ का पानी घुस गया है । हजारो लोग प्रभावित हुए है । वही नेपाल से निकलने वाली नदियां इस बार युपी के कई जिलो के लिए भी अभिशाप बन गई है । महाराजगंज जिले में रोहिन और नारायणी नदी खतरे के निशान के उपर बह रही है । रोहिन नदी पर पांच स्थानो पर तटबन्ध टुट जाने से जिले की सबसे महत्वपूर्ण महराजगंज फरेन्दा मार्ग पर आवागमन बाधित हो गया है । साथ ही जिले के साठ गांवो में बाढ का पानी घुस गया है । सिर्फ बिहार में ६५ लाख लोग बाढ प्रभावित इलाको में घिरे हुए है ।