अहमदाबाद शहर के विभिन्न जोन में म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के अनुसार ४६ रेनबसेरा बना तो दिया, लेकिन प्रशासन की लापरवाही के कारण मंगलवार को १६ रेनबसेरा बंद हालत में है । आज यह रेनबसेरा में परिस्थिति ऐसी है कि रेनबसेरा टूटे हुए हाल में या तो कई महीनों से बंद और दरवाजा पर ताला लगे हुए देखने को मिले है । अहमदाबाद में रेनबसेरा लगातार और रास्ते पर रहते लोगों को आश्रय मिले इस उद्देश्य से म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन द्वारा बनाया गया है ।फिलहाल अहमदाबाद में ४६ जितने रेनबसेरा है, जिसमें से १६ रेनबसेरा बंद हालत में तथा इसे ताला मार दिया है । अहमदाबाद में शिवरंजनी में रेनबसेरा होने पर भी इसके बाहर गरीब महिला ने झोपडपट्टी बनायी है । यह रेन बसेरा में लाइट और पंखा तो सुविधा है, लेकिन यह बंद हालत में है, रेनबसेरा में महिलाओं से लेकर छोटे बच्चे भी रहते है, लेकिन जो स्वीच बोर्ड है यह टूटा हुआ है, वायर बाहर निकला है, जिसके करंट लगने की संभावना बढ़ जाती है । यह रेनबसेरा में लोग भय के बीच जी रहे है तो अहमदाबाद के जशोदानगर और सीटीएम क्षेत्र में स्थित रेनबसेरा सिर्फ शो पीस के समान है । सीटीएम में स्थित रेनबसेरा चार महीने से बंद है तो इसकी दीवालों का उपयोग राजनीतिक पार्टियों द्वारा अपने विज्ञापन के लिए किया जाता है तो कई जगह तो असामाजिक तत्वों का अड्डा भी बन गया है तथा कोई भी रेनबसेरा में सफाई भी नहीं की जाती है । म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन द्वारा रेनबसेरा चलाने का काम एनजीओ को सौंपकर जिम्मेदारी पूरी हो गई हो यह रेनबसेरा तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जाता है । इस बारे में स्टेन्डिंग कमिटी के चेयरमैन प्रवीण पटेल ने बताया है कि अहमदाबाद में ४६ रेनबसेरा है, ३० चालु है और १६ बंद हालत में है, जो १६ जगह पर बंद है वहां नीविदा करके १६ सेन्टर आगामी दिनों में शुरू किया जाएगा ।
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