मेहसाणा दुग्ध उत्पादक संघ (दूधसागर डेयरी) के पूर्व एमडी विपुल चौधरी को गुजरात हाईकोर्ट ने बड़ा झटका दिया है।कोर्ट ने दूधसागर डेयरी चुनाव के लिए प्रचार-प्रसार के लिए अंतरिम जमानत देने की मांग वाली विपुल चौधरी की याचिका को खारिज कर दिया है।विपुल चौधरी द्वारा गुजरात उच्च न्यायालय में दायर नियमित जमानत याचिका में दलील दी गई थी कि 5 जनवरी चुनाव होने वाला है। चुनाव में उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरे विपुल चौधरी को अंतरिम जमानत दी जाए। याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने इस मांग को खारिज कर दिया। इसके अलावा उनके नियमित जमानत याचिका पर सरकार को नोटिस भेजकर जवाब तलब किया है।
विपुल चौधरी के वकील की ओर से उच्च न्यायालय में दलील दी गई कि उन्हें चुनाव में अयोग्य घोषित नहीं किया गया है। इसलिए उनको अंतरिम जमानत दी जानी चाहिए। हालांकि, सरकारी वकील के द्वारा यह तर्क दिया गया कि सीआईडी क्राइम जांच एक महत्वपूर्ण चरण में है और याचिकाकर्ता विपुल चौधरी के प्रभावशाली व्यक्ति होने से चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं।
राज्य सरकार द्वारा ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर, विपुल चौधरी समर्थित 40 दुग्ध उत्पादक मंडली के क- श्रेणी में 30 के करीब मंडली को ड-श्रेणी में शामिल किया था।जिसके खिलाफ विपुल चौधरी समर्थित मंडलियों को अदालत ने राहत दी है। हालाँकि, विपुल चौधरी को अभी भी कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।CID क्राइम ने बोनस घोटाले में अन्य आरोपियों और लोगों के बयान दर्ज करना शुरू कर दिया है।