कोरोना महामारी के चलते इस बार गुजरात में मकर संक्रांति पर आयोजित होने वाला अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव रद्द कर दिया गया है। बता दें, गुरुवार को गुजरात हाईकोर्ट ने टिप्पणी की थी कि दिवाली की भीड़ के चलते कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ गए थे। अब जब राज्य में कोरोना काबू में आ रहा है तो कहीं पतंग महोत्सव के चलते हालात फिर न बिगड़ जाएं। इसके चलते पतंग महोत्सव रद्द कर देना चाहिए।
उत्तरायण (मकर संक्रांति) के पर्व को लेकर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा है कि दिवाली के बाद कोरोना तेजी से फैला था। उत्तरायण के बाद भी यही स्थिति हुई तो जिम्मेदारी किसकी होगी। उत्तरायण से वर्ष 2021 खराब न हो, यह देखने की जिम्मेदारी सरकार की है। उत्तरायण एक साल बाद भी मनाया जा सकता है। सरकार इस बात की चिंता न करे कि लोग निराश होंगे। क्योंकि, वैसे भी सभी को एक साथ खुश नहीं रखा जा सकता है।
चीफ जस्टिस विक्रमनाथ और जस्टिस जेबी पारडीवाला की खंडपीठ ने सरकार को आदेश दिया है कि उत्तरायण के लिए आपको खास दिशा-निर्देश जारी करने चाहिए। क्योंकि उत्तरायण पर्व ही ऐसा है, जिसमें एक ही जगह काफी लोग एकत्रित होते हैं और इससे कोरोना विस्फोट के हालात बन सकते हैं।