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दिल्‍ली में गुजरात मॉडल लागू कर रहे हैं मोदी : नवाब मलिक

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने बुधवार को कोविड-19 के कारण संसद के शीतकालीन सत्र को आयोजित नहीं करने के लिए केंद्र सरकार की खिंचाई की और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय राजधानी में गुजरात मॉडल को लागू कर रहे हैं। राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक ने आरोप लगाया कि सरकार चर्चा से दूर भागने की कोशिश कर रही है और विपक्ष को कोविड-19 और किसानों के आंदोलन के मुद्दे पर बोलने नहीं दे रही है। “कोविड -19 और किसानों के आंदोलन पर चर्चा से बचने के लिए, केंद्र सरकार इस बार संसद का शीतकालीन सत्र आयोजित नहीं कर रही है और सीधे बजट सत्र के लिए कह रही है। नवाब मलिक ने कहा कि इस इस निर्णय से स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय राजधानी में गुजरात मॉडल को लागू कर रहे हैं, “मलिक ने बताया कि गुजरात में भी, जब मोदी मुख्यमंत्री थे, तब वे विधानसभा सत्र से बचते थे, वही मॉडल दिल्ली में भी लागू किया जा रहा है।”
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को लिखे एक पत्र में संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि सर्द मौसम के कारण कोरोना संक्रमण के बढ़ने की आशंका को देखते हुए ये महीने बेहद अहम हैं। खासकर दिल्‍ली में सर्द मौसम की शुरुआत के साथ ही संक्रमण के मामलों में वृद्धि देखी गई थी। अभी दिसंबर का बेहद ठंडा महीना चल रहा है ऐसे में जब विभिन्‍न राजनीतिक दलों के नेताओं से इस बारे में संपर्क स्थापित किया गया तो उन्‍होंने कोरोना महामारी पर चिंता व्‍यक्‍त करते हुए शीतकालीन सत्र से बचने की सलाह दी।
जोशी ने पत्र में ये भी लिखा है कि, सरकार जल्‍द ही संसद के आगामी सत्र की बैठक बुलाना चाहती है। कोरोना के कारण अभूतपूर्व स्थिति को ध्यान में रखते हुए बजट सत्र की बैठक 2021 की जनवरी में बुलाना उचित होगा। कोरोना संक्रमण के कारण इस साल संसद का मानसून सत्र देर से प्रारंभ हुआ था। इसके लिए जोशी ने सभी दलों के सहयोग की सराहना की थी। बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र सामान्यत: नवंबर के आखिरी या दिसंबर के पहले सप्ताह में शुरु होता है। संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार संसद के दो सत्रों की बैठक के बीच छह माह से अधिक का अंतर नहीं होना चाहिए। संसद के एक वर्ष में तीन सत्र- बजट, मानसून और शीतकालीन सत्र बुलाये जाते हैं।

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